भारतीय किसान ने उगाई दुनिया की सबसे महंगी सब्जी, 1 किलो का दाम है 20 ग्राम Gold से ज्यादा
नयी दिल्ली। क्या आप दुनिया की सबसे महंगी सब्जी के बारे में जानते हैं? अगर आपका जवाब नहीं है तो आप ऐसे अकेले नहीं है। असल में भारत में दुनिया की सबसे महंगी सब्जी की खेती और जिक्र कम ही होता है। मगर बिहार के एक किसान इस सब्जी की खेती लगातार 5 साल से कर रहे हैं। इससे उनकी कमाई भी काफी तगड़ी है। जानते हैं पूरी कहानी।
कैसे हुई शुरुआत
हम बात कर रहे हैं बिहार के अमरेश सिंह की और दुनिया की जिस सबसे महंगी सब्जी की खेती वो पिछले 5 साल से कर रहे हैं वो है हॉप शूट्स। जी हां नाम आपको थोड़ा अटपटा लग सकता है, मगर अमरेश की किस्मत इसी सब्जी ने बदली है। 2015 तक अमरेश सामान्य चीजों की खेती करते थे। पर उन्हें खास मुनाफा नहीं हुआ। इसके बाद वे वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईएआर) के एक वैज्ञानिक से मिले, जिन्होंने उन्हें हॉप शूट्स उगाने को कहा।
सीएसआईएआर के वैज्ञानिक ने दी जानकारी
अमरेश ने पहले कभी हॉप शूट्स का नाम नहीं सुना था। इसलिए उन्हें इसे नाम ने हैरान कर दिया। मगर सीएसआईएआर के जिस वैज्ञानिक से उनकी मुलाकात हुई थी, उन्हीं ने अमरेश को हॉप शूट्स से जुड़ी सारी दी। वनइंडिया की रिपोर्ट के अनुसार शुरुआत में 4.5 लाख रु लगा कर अमरेश ने हॉप शूट्स की खेती करना शुरू किया। हालांकि शुरुआत में अमरेश को फायदा नहीं दिखा।
अमेरिका तक से आई मांग
शुरुआत में खास कामयाबी न मिलने के बाद भी अमरेशन डटे रहे। उन्हें तगड़ी कमाई के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ा। सिर्फ 6 महीनों बाद अच्छी पैदावार हुई। उनकी मेहनत रंग लाई। हॉप शूट्स के लिए अमरेश को अमेरिका तक से ऑर्डर आने लगे। इससे उन्हें काफी फायदा हुआ। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हॉप शूट्स से एंटी बायोटिक दवाइयां तैयार की जाती हैं।
कितनी है 1 किलो की कीमत
हॉप शूट्स सब्जी दिखने में घास जैसी होती है। मगर इस घास जैसी दिखने वाली सब्जी की कीमत 1 लाख रु प्रति किलो है। इतनी रकम से आप 20 ग्राम से अधिक सोना खरीद सकते हैं। इस सब्जी का इस्तेमाल दांतों के दर्द और टीबी तक के इलाज में किया जाता है। आगे जानिए अमरेशन की सालाना कमाई।
सालाना कमाई है तगड़ी
हॉप शूट्स से अमरेश सालाना तगड़ी कमाई करते हैं। वे एक साल में 35-40 लाख रु कमा रहे हैं। यानी उनकी मासिक कमाई 3 लाख रु से भी अधिक है। बता दें कि हॉप शूट्स के बेहद फूल काफी बारीक होते हैं। इन्हें हाथों से तोड़ा जाता है। ये फूल हॉप कोन्स कहलाते हैं। हैरानी की बात यह है कि हॉप कोन्स की पैदावार बहुत कम होती है। एक कट्ठा जमीन पर आधा किलोग्राम हॉप कोन्स उगते हैं।
कब हुई थी शुरुआत
हॉप शूट्स की खेती की शुरुआत करीब 800 ईस्वी में उत्तरी जर्मनी में हुई थी। हॉप शूट्स की टहनियों का इस्तेमाल प्याज के रूप में सलाद के तौर पर भी किया जाता है। आप इसे ग्रिल करके भी खा सकते हैं। वहीं इसका आचार भी तैयार किया जाता है।
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