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भारतीय इकोनॉमी लौटेगी तरक्की की राह पर, 9.5 फीसदी ग्रोथ का अनुमान

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नयी दिल्ली। भारतीय अर्थव्यवस्था के अगले वित्त वर्ष यानी 2021-22 में 9.5 फीसदी का अनुमान लगाया गया है। ये अनुमान प्रमुख रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने लगाया है। फिच रेटिंग्स ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष में गिरावट के बाद अगले वित्त वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था 9.5 प्रतिशत की तेज विकास दर दर्ज करेगी। हालांकि 2020-21 में पहले से धीमी हो रही अर्थव्यवस्था में कोरोनोवायरस महामारी और गिरावट का कारण बनेगी। फिच रेटिंग ने चालू वित्त वर्ष में जीडीपी में 5 प्रतिशत गिरावट का अनुमान लगाया है। फिच के मुताबिक महामारी ने भारत के ग्रोथ आउटलुक को काफी कमजोर कर दिया है। साथ ही अधिक पब्लिक डेब्ट के बोझ के कारण अब आने वाली चुनौतियों का भी सामना है।

ऊंच स्तरों पर पहुंचेगी भारत की विकास

ऊंच स्तरों पर पहुंचेगी भारत की विकास

रेटिंग एजेंसी ने आज जारी की अपनी रिपोर्ट में कहा कि वैश्विक संकट के बाद भारत की जीडीपी ग्रोथ इसके 'बीबीबी' कैटेगरी वाले साथी देशों की तुलना में ऊंचे स्तरों पर पहुंच जाएगी। हालांकि इसके लिए फिच ने फाइनेंशियल सेक्टर की हालत और न बिगड़ने की भी शर्त रखी है। भारत में 25 मार्च को लगभग सभी आर्थिक गतिविधियों को रोकते हुए कोरोनोवायरस का मुकाबला करने के लिए दुनिया के सबसे बड़े लॉकडाउन की घोषणा की। इस लॉकडाउन को बार-बार बढ़ाया गया है। हालांकि कम संक्रमण वाले कुछ क्षेत्रों में 4 मई से लॉकडाउन में ढील दी गई। मगर कोरोना के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं।

सरकार और आरबीआई के उपाय

सरकार और आरबीआई के उपाय

फिच ने अपनी रिपोर्ट में कोरोना संकट से निपटने के लिए केंद्र सरकार और आरबीआई की तरफ से किए गए उपायों का भी जिक्र किया। आरबीआई ने नीतिगत दरों में कटौती के जरिए मौद्रिक नीति को आसान बना दिया। इसके अलावा लंबी अवधि के रेपो ऑपरेशन के माध्यम से लिक्विडिटी बढ़ाने का इंतजाम किया। वहीं केंद्र सरकार ने जीडीपी के 10 फीसदी के बराबर राहत पैकेज (20 लाख करोड़ रुपये) का ऐलान किया। 2019-20 में सरकारी ऋण पहले से ही जीडीपी के 70 प्रतिशत पर था, जो 'बीबीबी' रेटिंग वाले देशों के औसतम 42 प्रतिशत से काफी अधिक है। मगर अब भारत के पब्लिक डेब्ट / जीडीपी का अनुपात 2020-21 में जीडीपी के 84 प्रतिशत तक बढ़ने का अनुमान है।

राजकोषीय घाटे में बढ़ोतरी का अनुमान

राजकोषीय घाटे में बढ़ोतरी का अनुमान

भारतीय अर्थव्यवस्था पर कोरोनावायरस और लॉकडाउन का काफी निगेटिव असर पड़ा है। मौजूदा वित्त वर्ष में जीडीपी में भारी भरकम गिरावट का अनुमान लगाया गया है। जबकि सरकार के राजकोषीय घाटे में बढ़ोतरी का भी अनुमान लगाया गया है। हाल ही में मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन ने कहा था कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए 2020-21 में केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा बजट में रखे गए जीडीपी के 3.5 फीसदी के लक्ष्य से 1.7-1.8 फीसदी अधिक रह सकता है। अगर अनुमान के अनुसार 10 फीसदी नोमिनल जीडीपी ग्रोथ स्थिर रहती है तो इस वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटा 5.2-5.3 फीसदी रह सकता है।

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English summary

Indian economy will return to growth fitch forecast nine and half growth rate

Fitch also mentioned in his report the measures taken by the central government and the RBI to deal with the Corona crisis. The RBI made monetary policy easier through policy rate cuts.
Story first published: Wednesday, June 10, 2020, 19:30 [IST]
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