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भारतीय कंपनी ने 500 कर्मचारियों को बनाया करोड़पति, कुछ की उम्र 30 साल से कम

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नई दिल्ली, सितंबर 23। चेन्नई में स्थापित हुई कस्टमर सर्विस सॉफ्टवेयर निर्माता फ्रेशवर्क्स बुधवार को अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज नैस्डैक पर लिस्ट हो गयी। ये कंपनी अमेरिकी बाजार में लिस्ट होने वाली पहली भारतीय सॉफ्टवेयर 'एज ए सर्विस' (सास) कंपनी भी है। अब इस कंपनी का हेडक्वार्टर कैलिफोर्निया में है। आईपीओ के जरिए इसने पब्लिक और मार्केट 1 अरब डॉलर से अधिक जुटाए। कंपनी की वैल्यू लगभग 10 अरब डॉलर से अधिक रही। अहम बात यह है कि जहां एक और लोग सैलेरी में बढ़ोतरी के लिए तरसते हैं, वहीं आईपीओ प्रोसेस में ही फ्रेशवर्क्स के 500 कर्मचारी करोड़पति बन गए हैं। आगे जानिए कैसे।

 

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70 लोग 30 साल से कम आयु वाले

70 लोग 30 साल से कम आयु वाले

फ्रेशवर्क्स के सीईओ गिरीश मातृबूथम के मुताबिक कंपनी के 76 प्रतिशत कर्मचारियों के पास इसके शेयर हैं। ये संख्या अधिक थी। पहले 90 प्रतिशत के पास शेयर थे। लेकिन हाल ही में कंपनी ने बहुत लोगों को जॉब दी है। इससे शेयरधारक कर्मचारियों की संख्या 76 प्रतिशत रह गयी है। इस कंपनी के आईपीओ से इसके 500 भारतीय कर्मचारी करोड़पति बने हैं। इनमें से 70 लोगों की आयु 30 वर्ष से कम है। गिरीश के अनुसार उन्होंने कुछ साल पहले कॉलेज पास किया और वे इसके पूरी तरह से हकदार हैं।

शेयर में तेजी से कर्मचारी मालामाल
 

शेयर में तेजी से कर्मचारी मालामाल

बिजनेस सॉफ्टवेयर निर्माता फ्रेशवर्क्स ने बुधवार को नैस्डैक पर 43.5 डॉलर प्रति शेयर पर अपनी ट्रेडिंग की शुरुआत की। ये कंपनी के 36 डॉलर प्रति शेयर के लिस्टिंग भाव से 21 प्रतिशत अधिक था। इसकी मार्कैट कैपिटल 12.3 अरब डॉलर की हो गयी है। बता दें कि शेयर की लिस्टिंग और फिर इसके बाद आई तेजी से निवेशकों को फायदा हुआ, जिनमें कर्मचारी भी शामिल हैं। इसी से वे करोड़पति बने।

किस काम आएगा पैसा

किस काम आएगा पैसा

फ्रेशवर्क्स ने आईपीओ से प्राप्त पैसे का उपयोग सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए करने की योजना बनाई है, जिसमें वर्किंग कैपिटल, ऑपरेशनल एक्सपेंसेज और कैपिटल एक्सपेंसेज शामिल हैं। यह कुछ पैसा किसी बिजनेस, प्रोडक्ट, सेवाओं या टेक्नलॉजी को प्राप्त करने के लिए भी कर सकती है। मातृबूथम और शान कृष्णासामी द्वारा 2010 में फ्रेशडेस्क के रूप में स्थापित की गयी इस कंपनी ने 2017 में खुद को फ्रेशवर्क्स के रूप में रीब्रांड किया।

कौन हैं बड़े निवेशक

कौन हैं बड़े निवेशक

इसके बड़े निवेशकों में एक्सेल, सिकोइया कैपिटल और टाइगर ग्लोबल शामिल हैं। फ्रेशवर्क्स के 52,500 से अधिक क्लाइंट होने का दावा है (31 अगस्त तक)। मातृबूथम के अनुसार वे एक ऐसे भारतीय एथलीट की तरह महसूस कर रहे हैं, जिसने ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता है। वे कहते हैं कि हम दुनिया को दिखा रहे हैं कि भारत की एक वैश्विक प्रोडक्ट कंपनी क्या हासिल कर सकती है।

चेन्नई में हैं अधिकतर कर्मचारी

चेन्नई में हैं अधिकतर कर्मचारी

फ्रेशवर्क्स का मुख्यालय सैन मेटो, कैलिफ़ोर्निया में है, लेकिन इसके अधिकतर प्रोडक्ट और इंजीनियरिंग कर्मचारी चेन्नई में स्थित हैं। कॉग्निजेंट और सिफी टेक्नोलॉजीज चेन्नई में बड़ी उपस्थिति वाली अन्य तकनीकी कंपनियां हैं और ये नैस्डैक पर सूचीबद्ध हैं। फ्रेशवर्क्स इंक एक अमेरिकी क्लाउड-आधारित कस्टमर एंगेजमेंट कंपनी है। फ्रेशवर्क्स बिजनेस के लिए उनके ग्राहकों और कर्मचारियों को सुविधा प्रदान करना तेज़ और आसान बनाती है। इस समय फ्रेशवर्क्स के 13 स्थानों पर 4813 कर्मचारी हैं।

English summary

Indian company freshworks made 500 employees millionaires some less than 30 years old

According to FreshWorks CEO Girish Matribootham, 76 percent of the company's employees hold its shares. This number was high. Earlier 90 percent held shares.
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