For Quick Alerts
ALLOW NOTIFICATIONS  
For Daily Alerts

मोदी सरकार के ज्यादा लोन लेने के ऐलान से भारतीय बॉन्ड्स में गिरावट

|

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने कोरोनावायरस की वजह से आई मंदी के कारण कम हुए राजस्व को कवर करने के लिए लोन लेने की सीमा बढ़ाई है। सरकार ने फैसला लिया है कि पहले तय किए गए 7.8 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले चालू वित्त वर्ष में 12 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लिया जाएगा। यानी सरकार ने लोन सीमा में 50 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी की है। मगर सरकार के इस ऐलान से भारत में बेंचमार्क सॉवरेन बॉन्ड में तीन साल से ज्यादा समय की सबसे बड़ी गिरावट आई है। 10 वर्षीय बॉन्ड पर यील्ड (प्राप्ति) 22 बेसिस पॉइंट्स बढ़ कर 6.19 फीसदी पर पहुंच गई जो फरवरी 2017 के बाद सबसे बड़ी ग्रोथ है। सरकार के अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए इस बड़े राजकोषीय प्रोत्साहन की घोषणा से शेयर बाजारों में भी तेजी आई।

मोदी सरकार के इस फैसले से मची बॉन्ड बाजार में हलचल

आरबीआई के लिए नया संदेश
उधारी में बढ़ोतरी आरबीआई के डेब्ट मार्केट को समर्थन बढ़ाने के लिए एक नया संदेश है। सरकार के सामने 4 दशकों में पहली बार इकोनॉमी में गिरावट की संभावना बन गई है, जिसके चलते विदेशी निवेशकों ने डेब्ट बाजार से भारी मात्रा में अपना पैसा निकाल लिया है। यह भी एक जोखिम है कि कॉर्पोरेट उधारकर्ता डेब्ट मार्केट से बाहर निकलेंगे या फिर उन्हें उच्च फाइनेंसिंग लागत का भुगतान करना होगा। इधर नए 10-वर्षीय सॉवरेन बॉन्ड पर यील्ड, जिसने शुक्रवार को 5.79% की कूपन दर से कारोबार करना शुरू किया, 18 बेसिस पॉइंट बढ़ कर 5.89% पर पहुंच गए।

सरकार का अधिक लोन बॉन्ड मार्केट के लिए झटका
एक्सपर्ट्स मानते हैं कि यह कहना गलत नहीं होगा कि सरकार का लोन बढ़ाना बॉन्ड मार्केट के लिए एक झटके के रूप में आया है। अब आरबीआई को खुले बाजार की खरीद को बढ़ाना होगा या ऑपरेशन ट्विस्ट प्रोग्राम को ज्यादा से ज्यादा लागू करना होगा। केंद्रीय बैंक ने चार सप्ताह में सेंकडरी बाजार में कुल 910 अरब रुपये का डेब्ट खरीदा है और हाल ही में ऑपरेशन ट्विस्ट कार्यक्रम को फिर से शुरू किया है, जिसमें इसने बिल बेचे और बांड खरीदे हैं।

सरकार का लक्ष्य रह सकता है अधूरा
एक सरकारी अधिकारी के मुताबिक 2020-21 में राजकोषीय अंतर जीडीपी का लगभग 5.5 फीसदी रहने की संभावना है। वहीं आरबीआई के सीधे डेब्ट खरीदने की कोई योजना नहीं है और सरकार 12 खरब रुपये के संशोधित लक्ष्य से कम उधार पर ही रुक सकती है।

Mutual Fund : एसआईपी पर निवेशकों का भरोसा बरकरार, किया 8,376 करोड़ रु का निवेशMutual Fund : एसआईपी पर निवेशकों का भरोसा बरकरार, किया 8,376 करोड़ रु का निवेश

English summary

Indian bonds fall due to Modi government announcement of taking more loans

The benchmark sovereign bond in India has witnessed the biggest drop in more than three years. The yield on the 10-year bond rose 22 basis points to 6.19 per cent, the biggest growth since February 2017.
Company Search
Thousands of Goodreturn readers receive our evening newsletter.
Have you subscribed?
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X