जेब पर बोझ : India Post Payments Bank ने बदले कैश निकालने और जमा करने के चार्ज
नई दिल्ली, दिसंबर 8। इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) ने बैंकिंग एक बड़ा बदलाव करने का ऐलान किया है। आईपीपीबी ने फिजिकल शाखाओं में कैश निकालने और जमा पर लगने वाले चार्ज में बदलाव करने का फैसला किया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नए शुल्क 1 जनवरी, 2022 से लागू होंगे। आईपीबीबी, जो इंडियन पोस्ट का एक डिविजन है, ने नवंबर 2021 में एक अधिसूचना जारी की थी, जिसमें कैश जमा और निकालने के शुल्क में बदलाव की घोषणा की गई थी। आगे जानिए नये चार्जेस से जुड़ी पूरी डिटेल।
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न्यूनतम 25 रुपये का चार्ज
आईपीबीबी ने नवंबर 2021 में जो नोटिस जारी किया था उसके अनुसार, एक बेसिक बचत खाते के लिए, कैश निकालने की लिमिट, जो प्रति माह 4 लेनदेन तक मुफ्त है, पर राशि का 0.50 फीसदी शुल्क लिया जाएगा, जो न्यूनतम 25 रुपये प्रति लेनदेन होगा। 4 लेनदेन तक कोई चार्ज नहीं होगा। ध्यान रहे कि ये शुल्क जीएसटी/उपकर से अलग हैं जो लागू दरों के ऊपर लगाए जाएंगे। नकद जमा नि:शुल्क है।
किसे देना होगा कैश डिपॉजिट
बचत (बेसिक बचत खाते के अलावा) और चालू खातों के लिए, प्रति माह 25,000 रुपये तक नकद निकासी मुफ्त है। मुफ्त सीमा के बाद, राशि का 0.50% या न्यूनतम 25 रु प्रति लेनदेन का चार्ज लगेगा। ये बात भी आईपीपीबी के नोटिस में कही गयी है। साथ ही इन खातों में प्रति माह 10,000 रुपये तक नकद जमा करना मुफ्त है। मुफ्त सीमा के बाद, मूल्य का 0.50 फीसदी या न्यूनतम 25 रु प्रति लेनदेन का चार्ज लगेगा।
अन्य बचत खाता ग्राहकों के लिए शुल्क
अन्य बचत खाता ग्राहकों को अब 25,000 रुपये प्रति माह तक की मुफ्त निकासी के बाद राशि का 0.50 फीसदी या न्यूनतम 25 रुपये प्रति लेनदेन के चार्ज का भुगतान करना होगा। इसी तरह, नकद जमा पर, बचत खाता ग्राहकों को प्रति माह 10,000 रुपये तक की मुफ्त जमा के बाद राशि का 0.50 फीसदी या न्यूनतम 25 रुपये प्रति लेनदेन के चार्ज भुगतान करने के लिए तैयार हो जाना चाहिए।
अलग से लगेगा जीएसटी
आईबीबीपी ने कहा कि ये सभी शुल्क जीएसटी या लागू सेस को छोड़कर हैं। यानी आपको सेस और जीएसटी का भुगतान चार्ज पर अलग से करना होगा।
4 करोड़ ग्राहक
इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) भारतीय डाक का एक प्रभाग है जो भारत सरकार के संचार मंत्रालय के तहत डाक विभाग के तहत आता है। 2018 में खोले गये इस, बैंक ने दिसंबर 2020 तक लगभग 4.0 करोड़ ग्राहक हासिल कर लिए थे। 19 अगस्त 2015 को, भारतीय डाक को भारतीय रिजर्व बैंक से भुगतान बैंक चलाने का लाइसेंस प्राप्त हुआ। 17 अगस्त 2016 को, इसे भुगतान बैंक स्थापित करने के लिए एक पब्लिक लिमिटेड सरकारी कंपनी के रूप में पंजीकृत किया गया। आईपीपीबी संचार मंत्रालय के तहत डाक विभाग के साथ काम कर रहा है। आईपीपीबी की पायलट परियोजना का उद्घाटन 30 जनवरी 2017 को रायपुर और रांची में किया गया था। अगस्त 2018 में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बैंक की स्थापना के लिए 1,435 करोड़ रु को मंजूरी दी थी। 1 सितंबर 2018 को 650 शाखाओं और 3,250 डाकघरों के साथ बैंक के पहले चरण का उद्घाटन किया गया।