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भारत का नया दांव, चीन और पाकिस्तान की कंपनियां हो जाएंगी चित

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नयी दिल्ली। भारत और चीन के बीच सीमा विवाद फिलहाल हल होता नहीं दिख रहा है। इस बीच भारत सरकार एक ऐसे प्रस्ताव पर विचार कर रही है जिसके जरिए उन कंपनियों से व्यापार और खरीदारी पर पाबंदी लगाई जाएगी, जो उन देशों की हैं जिन्होंने अवैध रूप से भारतीय क्षेत्र पर कब्जा किया हुआ है। इसमें विशेष रूप से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) जैसे क्षेत्रों में सक्रिय कंपनियां शामिल होंगी। अभी इस प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। माना जा रहा है कि इस फैसले का असर चीन पर भी पड़ेगा।

हाई-लेवल चर्चा जारी

हाई-लेवल चर्चा जारी

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार इस प्रस्ताव पर हाई-लेवल चर्चा चल रही है और इसके कार्यान्वयन और व्यावसायिक प्रभाव पर भी चर्चा की जा रही है। ऐसा कोई भी फैसला सीधे तौर पर चीनी फर्मों को प्रभावित करेगा, क्योंकि बीजिंग ने लद्दाख में 38,000 वर्ग किमी भारतीय क्षेत्र पर अवैध रूप से कब्जा कर रखा है। इसके अलावा पाकिस्तान, जिसने कश्मीर के एक हिस्से पर कब्जा कर रखा है, ने चीन को शक्सगाम घाटी में 5,000 वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र दे रखा है। सूत्रों के अनुसार अगर इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया जाता है तो 'Public Procurement (Preference to ‘Make in India') Order of 2017' में संशोधन के जरिए प्रतिबंध लगाए जाने की संभावना है।

इन नियमों में भी बदलाव संभव

इन नियमों में भी बदलाव संभव

इसके अलावा सामान्य वित्तीय नियमों में भी कुछ बदलाव करने पड़ सकते हैं। अधिकारियों के मुताबिक उच्च संवेदनशीलता और चीन के साथ राजनयिक संबंधों पर संभावित प्रभाव को देखते हुए इस प्रस्ताव को बारीकी से देखा जा रहा है। मालूम हो कि इससे पहले अप्रैल में चीन का नाम लिए बिना सरकार ने शत्रुतापूर्ण अधिग्रहण की आशंका के मद्देनजर ऑटोमेटेड रूट से चीन से आने वाले एफडीआई (विदेशी प्रत्यक्ष निवेश) पर रोक लगा दी थी। एक अधिसूचना में कहा गया था कि उस देश की एक फर्म, जिसकी सीमा भारत से लगती है, निवेश का लाभकारी ओनर या किसी भी ऐसे देश का नागरिक है केवल सरकारी रूट के तहत ही भारत में निवेश कर सकता है।

चीनी कंपनियों का बड़ा निवेश

चीनी कंपनियों का बड़ा निवेश

एफडीआई नियम में बदलाव का फैसला लद्दाख में एलएसी पर चल रहे गतिरोध से पहले ही लिया गया था। अब भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव के कारण कंपनियों को प्रतिबंधित करने के प्रस्ताव को रफ्तार मिली है। बीते सोमवार को भारत ने आईटी अधिनियम में राष्ट्रीय सुरक्षा खंड को लागू करके 59 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया। चीनी कंपनियों को एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) सेक्टर से दूर रखने के लिए का फैसला लिया है। इस मामले में केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार एमएसएमई सेक्टर से चीनी निवेशकों को दूर रखेगी। चीनी कंपनियों को एमएसएमई सेक्टर में निवेश नहीं करने दिया जाएगा। गडकरी ने कहा है कि चीनी कंपनियों भारत में निवेश न करें इसके लिए जल्द ही नई पॉलिसी लागू होगी। गडकरी के मुताबिक बहुत जल्द एक पॉलिसी लाई जाएगी जिसके जरिए चीनी कंपनियों का प्रवेश बंद किया जाएगा। इतना ही नहीं नई पॉलिसी के जरिए भारतीय कंपनियों के लिए आसान नियम बनाए जाएंगे।

चीन की ऐप्स की भारत में कितनी है पहुंच और कमाई, जानिए सब कुछचीन की ऐप्स की भारत में कितनी है पहुंच और कमाई, जानिए सब कुछ

English summary

India new bet companies from China and Pakistan will be defeated

The decision to change the FDI rule was taken before the ongoing deadlock over LAC in Ladakh. Now the growing tension between India and China has given rise to a proposal to ban companies.
Story first published: Thursday, July 2, 2020, 17:08 [IST]
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