नया रिकॉर्ड : विदेशी मुद्रा भंडार 4 अरब डॉलर बढ़कर टॉप पर
मुंबई। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 13 नवंबर को समाप्त सप्ताह में 4.277 अरब डॉलर की वृद्धि के साथ 572.771 अरब डालर के नए रिकॉर्ड स्तर पर आ गया। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार यह बात सामने आई है। इससे पिछले सप्ताह यानी 6 नवंबर को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 7.779 अरब डॉलर की वृद्धि के साथ 568.494 अरब डॉलर के स्तर पर आ गया था।
क्यों बढ़ा विदेशी मुद्रा भंडार
समीक्षाधीन अवधि में विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ने की एक बड़ी वजह विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (एफसीए) का बढ़ना रहा है। ये परिसंपत्तियां कुल विदेशी मुद्रा भंडार का काफी बड़ा हिस्सा हैं। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार समीक्षावधि में एफसीए 5.526 अरब डॉलर बढ़कर 530.268 अरब डॉलर के स्तर पर आ गया। एफसीए को डॉलर में दिखाया जाता है, लेकिन इसमें यूरो, पौंड और येन जैसी अन्य विदेशी मुद्राएं भी शामिल की जाती हैं।
जानिए गोल्ड भंडार के बारे में
समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान भारत का गोल्ड भंडार की वैल्यू 1.233 अरब डॉलर घटकर 36.354 अरब डॉलर रह गई। वहीं देश को अंतरराष्ट्रीय मु्द्रा कोष (आईएमएफ) में मिला विशेष आहरण अधिकार (एडीआर) 1.488 अरब डॉलर के स्तर पर अपरिवर्तित रहा। वहीं, समीक्षावधि में देश का आईएमएफ के पास जमा मुद्रा भंडार 1.5 करोड़ डॉलर घटकर 4.661 अरब डॉलर रह गया।
जानिए चालू वित्तीय साल में कितना बढ़ा भंडार
आरबीआई की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार बीते एक साल में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 124.522 अरब डॉलर बढ़ा है। वहीं विदेशी मुद्रा भंडार में 31 मार्च 2020 के मुकाबले 94.964 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई है। फॉरेन करेंसी असेट्स भी गत 1 साल में 113.796 अरब डॉलर और 31 मार्च 2020 के बाद से 88.055 अरब डॉलर बढ़ा है।
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