Modi सरकार को बड़ा झटका, 5 बिलियन डालर और कम हुआ Forex
नई दिल्ली, जुलाई 10। देश की अर्थव्यवस्था के लिए लगातार बुरी खबरों का आना जारी है। अब रिजर्व बैंक ने बताया है कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बीते हफ्ते तेजी से कम हुआ है। 1 जुलाई 2022 को खत्म हुए हफ्ते के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार 5.008 अरब डॉलर घटकर 588.314 अरब डॉलर के स्तर पर आ गया है। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार 24 जून 2022 को खत्म हुए हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 2.734 अरब डॉलर बढ़कर 593.323 अरब डॉलर के स्तर पर आ गया था।
विदेशी मुद्रा के मामले में दुनिया के टॉप 5 देश
चीन 3.24 ट्रिलियन डॉलर
जापान 1.31 ट्रिलियन डॉलर
स्विटरलैंड 1.03 ट्रिलियन डॉलर
भारत 588,314 बिलियन डॉलर
रूस 586,800 बिलियन डॉलर
जानिए विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट की बड़ी वजह
1 जुलाई 2022 को खत्म हुए हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट का मुख्य कारण विदेशी मुद्रा आस्तियों का घटना रहा है। यह कुल मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। इसके अलावा गोल्ड रिजर्व घटने से भी विदेशी मुद्रा भंडार कम हुआ है। आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) 4.471 अरब डॉलर घटकर 524.745 अरब डॉलर रह गईं। डॉलर में अभिव्यक्त विदेशी मुद्रा भंडार में रखे जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियों में यूरो, पौंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में मूल्यवृद्धि अथवा मूल्यह्रास के प्रभावों को शामिल किया जाता है।
गोल्ड रिजर्व में भी दर्ज हुई गिरावट
आरबीआई की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार इस सप्ताह में गोल्ड रिजर्व की वैल्यू भी 50.4 करोड़ डॉलर कम होकर 40.422 अरब डॉलर बची है। इस सप्ताह में, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास जमा विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 7.7 करोड़ डॉलर घटकर 18.133 अरब डॉलर रह गया। आईएमएफ में रखे देश का मुद्रा भंडार भी 4.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 5.014 अरब डॉलर हो गया।
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मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार देश के हित में
जिस देश के पास मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार होता है, उस देश की आर्थिक स्थिति भी अच्छी मानी जाती है। ऐसा इसलिए होता है कि अगर दुनिया में कोई दिक्कत आ जाए तो देश अपनी जरूरत का सामान कई माह तक आसानी से मंगा सकता है। इसीलिए दुनिया के बहुत से देश अपने विदेशी मुद्रा भंडार को काफी मजबूत बना कर रखते हैं। विदेशी मुद्रा भंडार में निर्यात के अलावा विदेशी निवेश से डॉलर या अन्य विदेशी मुद्रा आती है। इसके अलावा भारत लोग जो विदेश में काम करते हैं, उनकी तरफ से भेजी गई विदेशी मुद्रा भी बड़ा स्रोत होती है।