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भारत-चीन विवाद : मसाला कारोबारियों पर आई मुसीबत, घटा निर्यात

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नयी दिल्ली। भारत-चीन सीमा विवाद का असर दोनों देशों के बीच कई सेक्टरों के कारोबारियों पर पड़ा है। इनमें अब भारतीय मसालों निर्यातक भी शामिल हो गए हैं। दोनों देशों के हुए सीमा विवाद के बाद चीन ने भारत से मसाला आया में कमी कर दी है। इस पर भारतीय मसाला निर्यातकों ने चिंता भी जाहिर की है। चीन पिछले कुछ सालों में जीरा, मिर्च और ओलेओरिंस जैसे भारतीय मसालों का प्रमुख खरीदार बनकर उभरा है। लॉकडाउन में छूट के बाद चीन बड़ी मात्रा में भारतीय मसालों का आयात कर रहा था। मगर गलवान घाटी में हुए विवाद के बाद चीन द्वारा आयात में कमी आई है। भारत सालाना लगभग 20,000 करोड़ रुपये के मसालों का निर्यात करता है।

जीरा निर्यात में भारी गिरावट

जीरा निर्यात में भारी गिरावट

चीन को एक सप्ताह पहले तक जीरे का निर्यात काफी अच्छा हो रहा था। मगर इसमें 10 से 20 फीसदी तक की कमी आई है। मार्च तक ताजा कटे हुए जीरा बाजार में खूब पसंद किया जा रहा था। चीन और बांग्लादेश भारतीय बंदरगाहों पर इन्फ्रास्ट्रक्चर की समस्याओं के बावजूद बड़ी मात्रा में इसे खरीद रहे थे। हालांकि पिछले साल के उलट निर्यात मांग से कीमतों में इजाफा नहीं हुआ क्योंकि फसल के समय भारी बारिश के कारण अच्छी गुणवत्ता वाले जीरे का भंडार कम था। एनसीडीईएक्स पर जीरा वायदा पिछले कुछ महीनों में 135-140 रुपये प्रति किलोग्राम के दायरे में कारोबार कर रहा है।

मिर्च की हुई अच्छी फसल

मिर्च की हुई अच्छी फसल

हालांकि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जैसे मुख्य उत्पादक राज्यों में मिर्च की अच्छी फसल हुई। मगर कोरोना के चलते उत्पादकों ने इसका कोल्ड स्टोरेज में पर्याप्त मात्रा में भंडारण किया। लेकिन चीन अप्रैल से ही भारत से मिर्च खरीद रहा है, जो भारत से सबसे अधिक निर्यात किए जाने वाला मसाला है। एक कारोबारी के अनुसार अब सरकार की ओर से कोई स्पष्ट आदेश नहीं होने से बंदरगाहों पर सब कुछ देरी से हो रहा है। नतीजतन निर्यात प्रभावित हुआ है। अब यह कहना कठिन है कि चीन इस स्थिति पर कैसे प्रतिक्रिया देगा।

ओलेओरिंस निर्यातकों के लिए मुसीबत अधिक

ओलेओरिंस निर्यातकों के लिए मुसीबत अधिक

बंदरगाह पर ओलेरसिन निर्यातकों के लिए कंफ्यूजन की स्थिति बन गई है, जो मूल्य वृद्धि यानी वैल्यू एडिशन और निर्यात के लिए आयातित कच्चे माल पर निर्भर हैं। एक कारोबारी के अनुसार हमारी चीन में एक फैक्ट्री है और वहीं से मूल्य वृद्धि के लिए पपरीका आयात किया जाता है और फिर हम तैयार उत्पाद को वापस चीन निर्यात कर देते हैं। लेकिन निर्यात रुक गया है, जिसके नतीजे में हमें नुकसान हो रहा है। हालांकि निर्यातकों का मानना है कि मौजूदा समस्याएं अस्थायी होंगी।

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English summary

India China dispute trouble on spice traders reduced exports

Cumin exports to China were up to a week ago. But it has decreased by 10 to 20 percent.
Story first published: Sunday, June 28, 2020, 20:02 [IST]
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