सरकारी बैंकों को विदेशी खातों से पैसा निकालने का निर्देश, जानें पूरा मामला
भारत सरकार और केयर्न एनर्जी के बीच टैक्स विवाद सुलझने की बजाय और उलझता जा रहा है। केन्द्र सरकार ने सरकारी बैंकों को कहा है कि वे अपने विदेशी करेंसी अकाउंट्स से पैसे निकाल लें।
नई दिल्ली, मई 7। भारत सरकार और केयर्न एनर्जी के बीच टैक्स विवाद सुलझने की बजाय और उलझता जा रहा है। केन्द्र सरकार ने सरकारी बैंकों को कहा है कि वे अपने विदेशी करेंसी अकाउंट्स से पैसे निकाल लें। इसकी वजह है कि सरकार को डर सता रहा है कि आर्बिट्रेशन यानी मध्यस्थ के फैसले के बाद केयर्न एनर्जी इन बैंकों का कैश सीज करने की कोशिश कर सकती है। इस बात की जानकारी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक दो सरकारी अधिकारियों और एक बैंकर ने कही है।
ये है पूरा मामला
मिली जानकारी के मुताबिक रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स मामले में अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता न्यायाधिकरण ने केयर्न के पक्ष में फैसला सुनाया था और भारत सरकार को केयर्न को 1.4 अरब डॉलर का भुगतान करने को कहा था। यह फैसला दिसंबर 2020 में आया था। इस फैसले के बाद दोनों पक्षकार अपने-अपने तरीके से मामले में आगे बढ़ रहे हैं। एक तरफ भारत सरकार ने मध्यस्थता न्यायाधिकरण के फैसले को अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में चुनौती दी है, वहीं दूसरी तरफ केयर्न एनर्जी ने विदेशों में भारत सरकार की संपत्ति की पहचान करना शुरू कर दिया है। इनमें सरकारी बैंकों के विदेशी अकाउंट्स भी शामिल हैं। अगर केयर्न और भारत सरकार के बीच सेटलमेंट नहीं हुआ तो कंपनी इन अकाउंट्स को सीज कर सकती है।
कई देशों में केयर्न दायर कर चुकी है अपील
जानकारी के लिए बता दें कि केयर्न 21 दिसंबर के अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता न्यायाधिकरण के फैसले को लेकर भारत के खिलाफ अमेरिका, ब्रिटेन, नीदरलैंड, कनाडा, फ्रांस, सिंगापुर, क्यूबेक की अदालतों में पहले ही अपील दायर कर चुकी है। इससे उसके लिए भारत सरकार की विदेशी संपत्तियों को सीज करना और मध्यस्थता न्यायाधिकरण द्वारा तय रकम की वसूली करना आसान हो सकता है। इस सप्ताह की शुरुआत में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को एक दिशानिर्देश भेजा गया है, जिसमें उनसे नोस्ट्रो खातों से फंड निकाल लेने को कहा गया है। यह निर्देश वित्त मंत्रालय ने जारी किया है।