रेट बढ़ाने से मोबाइल कंपनियों की कमाई हो जाएगी दोगुनी, जानिए कैसे
नयी दिल्ली। हाल ही में तीनों प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों रिलायंस जियो, वोडाफोन आइडिया और एयरटेल ने अपने प्रीपेड प्लान 42 फीसदी तक महंगे कर दिये। इस पर रेटिंग एजेंसी ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि इससे टेलीकॉम कंपनियों को फायदा होगा। क्रिसिल के मुताबिक दूरसंचार कंपनियों द्वारा बढ़ाये गये टैरिफ से अगले वित्त वर्ष तक इनकी कामकाजी आमदनी दोगुनी हो सकती है। टेलीकॉम कंपनियों ने अपने ऊपर कर्ज के बोझ और दूरसंचार विभाग को चुकाये जाने वाले एजीआर के कारण मोबाइल और डेटा चार्जेस बढ़ाये थे। क्रिसिल की रिपोर्ट कहती है कमजोर नकदी प्रवाह और बढ़ते कर्ज से दबे टेलीकॉम उद्योग के लिए टैरिफ बढ़ाना सकारात्मक कदम है। मगर इंडस्ट्री एनालिस्ट्स का मानना है कि भारत में बाकी देशों के मुकाबले डेटा काफी सस्ता है और इसका महंगा होने से डेटा उपयोग में कमी आ सकती है। हाल ही में जियो ने 40 फीसदी, जबकि एयरटेल और वोडाफोन ने 42 फीसदी तक अपने प्लान महंगे किये हैं।
बढ़ेगा कंपनियों का एआरपीयू
क्रिसिल के मुताबिक नये प्लान से टेलीकॉम कंपनियों का एआरपीयू बढ़ेगा। एआरपीयू का मतलब है प्रति उपभोक्ता औसत आमदनी, जो किसी टेलीकॉम कंपनी के लिए बेहद जरूरी होता है। क्रिसिल ने कहा है कि 2019 में 116 रुपये के मुकाबले अगले वित्त वर्ष में टेलीकॉम कंपनियों का एआरपीयू 25 फीसदी उछल कर 145 रुपये तक जा सकता है। क्रिसिल के जानकारों के मुताबिक एआरपीयू में हर 1 रुपये की बढ़ोतरी से इंडस्ट्री की कामकाजी आमदनी में 1000 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी होगी। इस लिहाज से 2020-2021 में टेलीकॉम कंपनियों की कामकाजी आमदनी 29,450 करोड़ रुपये से दोगुनी होकर 60,570 करोड़ रुपये हो सकती है।
टेलीकॉम सेक्टर की फाइनेंशियल हालत सुधरेगी
दूरसंचार उद्योग में चल रहे वित्तीय दबाव से निपटने के लिए पिछले महीने रिलायंस जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने टैरिफ बढ़ाने की थी। क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि टैरिफ में बढ़ोतरी टेलीकॉम इंडस्ट्री के लिए वित्तीय मरम्मत करने और टिकाऊ बनने का एक अच्छा अवसर है। टेलीकॉम सेक्टर की कमजोर स्थिति इसी से पता चलती है कि जुलाई-सितंबर तिमाही में वोडाफोन आइडिया को 51,000 करोड़ रुपये और एयरटेल को 23,000 करोड़ रुपये का घाटा हुआ। ऊपर से कंपनियों को एजीआर का भी भुगतान करना है।
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