Income Tax : आज ही निपटाएं ये 3 काम, वरना जेब पर पड़ेगा बोझ
नयी दिल्ली। सितंबर का महीना आज खत्म होने जा रहा है। इसलिए आपको जल्द से जल्द से टैक्स से जुड़े 3 अहम काम निपटाने होंगे, वरना आपको जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है। सरकार ने कोरोनोवायरस महामारी से प्रभावित व्यक्तिगत टैक्स देने वालों को राहत देने के लिए टैक्स संबंधित कई डेडलाइन बढ़ाईं। इनमें वित्त वर्ष 2018-19 के लिए लेट इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करना और पुराने आईटीआर का वेरिफिकेशन शामिल हैं। मगर अब इनमें से कुछ चीजों की डेडलाइन आज समाप्त हो रही है। इसलिए आपको आज ही ये काम निपटाने होंगे, वरना आपकी जेब पर एक्स्ट्रा खर्च बढ़ जाएगा।
2018-19 के लिए लेट आईटीआर
वित्त वर्ष 2018-19 के लिए आईटीआर दाखिल करने की समय सीमा 31 मार्च 2020 की असल डेडलाइन से बढ़ा कर 30 सितंबर 2020 कर दी गई थी। यदि कोई करदाता 30 सितंबर 2020 तक अपना आईटीआर दाखिल नहीं करता है तो फिर उसे ये मौका नहीं मिलेगा। फिर केवल आयकर विभाग की तरफ से आए नोटिस के जरिए ही 2018-19 के लिए आईटीआर दाखिल किया जा सकता है। हालांकि लेट आईटीआर दाखिल करने के लिए 10,000 रुपये की लेट चार्ज लगाया जाएगा। अगर करदाता की कुल इनकम 5 लाख रु से अधिक नहीं है तो उस मामले में जुर्माने की रकम 1 हजार रु होगी।
पुराने आईटीआर का सत्यापन (Verification)
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की तरफ से 13 जुलाई 2020 को एक सर्कुलर जारी किया गया था, जिसमें चुनिंदा वित्त वर्षों के लिए आईटीआर के वेरिफिकेशन के लिए वन-टाइम छूट दी गयी थी। सर्कुलर के अनुसार जिन व्यक्तियों के आयकर रिटर्न का आकलन वर्षों 2015-16, 2016-17, 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के लिए वेरिफिकेशन नहीं किया गया वे 30 सितंबर 2020 तक अपने आईटीआर का वेरिफिकेशन कर सकते हैं। सर्कुलर में कहा गया है कि एक बार करदाता आईटीआर का वेरिफिकेशन कर ले तो कर विभाग को 31 दिसंबर 2020 तक टैक्स रिटर्न की प्रोसेस को पूरा करना होगा।
कैपिटल गैन छूट का दावा
लॉन्ग टर्म कैपिटल गैन (एलटीसीजी) पर टैक्स के भुगतान से बचने के लिए आपको कुछ चुनिंदा निवेश करने होते हैं। सरकार ने इस तरह के निवेश प्रोसेस को पूरा करने की अंतिम तिथि 30 सितंबर 2020 तक बढ़ा दी थी। वित्त मंत्रालय की तरफ से 24 जून 2020 को जारी किए गए एक प्रेस नोट के अनुसार 30 सितंबर 2020 तक किए गए निवेश / निर्माण / खरीद एलटीसीजी से कटौती के योग्य होंगे। इसे एक उदाहरण से समझें। यदि आप अपना घर बेचें और आपको कैपिटल गैन हो तो निश्चित अवधि में नया घर खरीदें या या बॉन्ड में निवेश कर के टैक्स छूट का फायदा ले सकते हैं।
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