Income Tax : आज से मिलेगी खास छूट, जानिए आपको फायदा मिलेगा या नहीं
नयी दिल्ली। वित्त वर्ष 2020-21 खत्म हो गया। आज 1 अप्रैल से वित्त वर्ष 2021-22 की शुरुआत हो गयी है। नये वित्त वर्ष की शुरुआत के साथ ही कई नये नियम भी लागू हुए हैं। इनमें इनकम टैक्स से जुड़े हुए नियम भी शामिल हैं। दरअसल आज से इनकम टैक्स भरने से जुड़ी बड़ी राहत मिलेगी। हालांकि ये फायदा सभी को नहीं मिलेगा। बल्कि एक खास वर्ग को नये नियम का फायदा दिया जाएगा। आगे जानिए क्या मिलेगा फायदा और कौन उठा सकेगा इसका लाभ।
बजट में हुआ था पेश
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2021 पेश करते हुए कुछ आयकर नियमों में बदलाव की घोषणा की थी। नया वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल से शुरू हो गया है, इसके साथ ही नए आयकर नियम भी लागू होंगे। बजट में 75 वर्ष से अधिक आयु वालों के लिए एक बड़ी राहत का ऐलान किया गया था। नये वित्त वर्ष से 75 साल से अधिक आयु वाले इस छूट का फायदा उठा सकेंगे।
क्या मिलेगी छूट
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2021 पेश करते हुए वरिष्ठ नागरिकों (सिर्फ 75 वर्ष से ऊपर के व्यक्तियों को) पर नियमों के पालन का बोझ कम करने के लिए आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने से छूट दी थी। यह छूट केवल उन वरिष्ठ नागरिकों को मिलेगी जिन्हें पेंशन और बैंक से ब्याज इनकम के अलावा कोई और अन्य आय नहीं होती है।
इस नियम में हुआ बदलाव
वित्त मंत्री ने अधिक लोगों से आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करवाने के लिए बजट 2021 में उच्च टीडीएस (टैक्स डिडक्सन एट सोर्स) या टीसीएस (टैक्स कलेक्शन एट सोर्स) दरों का प्रस्ताव रखा था। बजट में नए सेक्शन 206एबी और 206सीसीए प्रस्तावित किए गए थे। इन प्रस्तावों को आयकर रिटर्न न भरने वालों के लिए टीडीएस और टीसीएस की उच्च दरों में कटौती के लिए एक विशेष प्रावधान के रूप में प्रस्तावित किया गया था।
पुराना टैक्स सिस्टम के बजाय 'नया टैक्स सिस्टम' चुनने का विकल्प
सरकार ने पिछले साल बजट 2020 में एक नया टैक्स सिस्टम लागू किया था। हालांकि वित्त वर्ष 2020-21 के लिए दोनों टैक्स सिस्टम में से एक को चुनने की व्यवस्था 1 अप्रैल 2021 से शुरू होगी।
पीएफ टैक्स नियम
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कर्मचारियों और नियोक्ताओं द्वारा प्रोविडेंट फंड (पीएफ) योगदान पर अर्जित टैक्स फ्री ब्याज को के लिए एक वित्त वर्ष में अधिकतम सीमा 2.5 लाख रु तय की थी। मगर बाद में कुछ खास मामलों के लिए 2.5 लाख रुपये की सीमा को बढ़ा कर 5 लाख रुपये प्रति वर्ष कर दिया गया। 5 लाख रुपये तक के योगदान में एम्प्लोयर (कंपनी) का योगदान शामिल नहीं है।
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