ITR : 31 दिसंबर है लास्ट डेट, जानिए समय से रिटर्न भरने के फायदे
अगर आपने अभी तक अपना रिटर्न दाखिल नहीं किया है तो ये खबर जरुरी है। महामारी के कारण वित्त मंत्रालय ने करदाताओं को टैक्स भरने में राहत दिया है, जिसके बाद अब 31 दिसंबर तक इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) भरा जा सकता है।
नई दिल्ली: अगर आपने अभी तक अपना रिटर्न दाखिल नहीं किया है तो ये खबर जरुरी है। महामारी के कारण वित्त मंत्रालय ने करदाताओं को टैक्स भरने में राहत दिया है, जिसके बाद अब 31 दिसंबर तक इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) भरा जा सकता है। बता दें कि यह फैसला 24 अक्टूबर को वित्त मंत्रालय ने एक आदेश जारी कर दिया। Income Tax Refund : अब तक नहीं मिला पैसा, तो घर बैठे मिनटों में ऐसे चेक करें स्टेटस ये भी पढ़ें
31 दिसंबर तक बढ़ी आयकर रिटर्न भरने की तारीख
बता दें कि इससे पहले, सीबीडीटी ने एक आदेश में बताया कि देश में टैक्स भरने की तिथि में बदलाव किया गया। टैक्स भरने की तिथि को 30 सितंबर से 30 नवंबर तक किया गया है, लेकिन वित्त मंत्रालय ने लोगों को राहत देते हुए इनकम टैक्स रिटर्न की तारीख बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दिया।
आईटीआर भरने में अधिक समय देने के लिये समय-सीमा बढ़ायी
बता दें कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक बयान में कहा कि जिन करदाताओं के लिये आयकर रिटर्न भरने की समय-सीमा विस्तार से पहले 31 जुलाई 2020 थी, उनके लिये समय-सीमा 31 दिसंबर 2020 तक बढ़ा दी गयी है। वहीं जिन करदाताओं के खाताओं की ऑडिट किये जाने की जरूरत है और जिनकी समयसीमा पहले 31 अक्टूबर 2020 थी, वे अब 31 जनवरी 2021 तक आईटीआर भर सकते हैं। सीबीडीटी ने कहा कि करदाताओं को आईटीआर भरने में अधिक समय देने के लिये समय-सीमा बढ़ायी गयी है।
इन डॉक्यूमेंट्स की होगी जरूरत
ऑनलाइन आईटीआर फाइल करने के लिए सबसे पहले आपको जरूरी दस्तावेज साथ रखने होंगे जैसे पैन नंबर, आधार नंबर, बैंक अकाउंट नंबर, इन्वेस्टमेंट डिटेल्स और उसके प्रूफ/सर्टिफिकेट, फॉर्म-16, फॉर्म-26 एएस आदि। इसके बाद ही ऑनलाइन आईटीएआर फाइल किया जा सकता है।
आईटीआर फाइल करने के ये हैं 10 फायदे
समय पर इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) भरने के कई फायदे भी हैं। समय पर आईटीआर भरने का फायदा यह है कि आप भविष्य में होने वाले इस तरह के लाभ से नुकसान को समायोजित (एडजस्ट) कर सकते हैं। अपना कारोबार शुरू करने में आईटीआर बहुत महत्वपूर्ण है। इसके अलावा अगर आप किसी विभाग के लिए कॉन्ट्रेक्ट हासिल करना चाहते हैं तो आपको आईटीआर दिखाना पड़ेगा।
- नुकसान (कैपिटल लॉस) की भरपाई
- कारोबार के लिए लाभदायक
- बैंक लोन, क्रेडिट कार्ड लेना सुविधाजनक
- बड़े लेन-देन में जरूरी
- टीडीएस क्लेम के लिए आवश्यक
- ज्यादा बीमा कवर मिलेगा
- वीजा पाने में सुविधा
- पैनल्टी से मुक्ति
- पते का सबूत
- ब्याज से मिल सकती है राहत
ऑनलाइन आईटीआर फाइल करने का तरीका
- सभी डेटा सीधे ऑनलाइन ई-फाइलिंग पोर्टल पर भरकर सबमिशन
- www.incometaxindiaefiling.gov.in पर जाएं।
- यूजर आईडी (पैन), पासवर्ड, जन्मतिथि और कैप्चा कोड एंटर कर लॉग इन करें।
- ‘e-File' टैब पर जाएं और इनकम टैक्स रिटर्न लिंक पर क्लिक करें।
- उपयुक्त आईटीआर फॉर्म, आकलन वर्ष, फाइलिंग टाइप जैसे ओरिजिनल/रिवाइज्ड रिटर्न और सबमिशन मोड में प्रिपेयर एंड सबमिट ऑनलाइन चुनें।
- कंटीन्यू बटन पर क्लिक करें। सभी दिशानिर्देशों को ध्यान से पढ़ने के बाद आईटीआर फॉर्म में ऑनलाइन सभी जानकारियों को भरें।
- सेशन टाइम आउट के कारण भरी गई आईटीआर डिटेल्स का लॉस न हो जाए, इसके लिए बीच-बीच में सेव ड्राफ्ट बटन पर क्लिक करते रहें।
- टैक्स पेड एंड वेरिफिकेशन टैब में उपयुक्त वेरिफिकेशन विकल्प चुनें, इनमें आईटीआर ई-वेरिफाई करना, फाइलिंग के 120 दिनों के अंदर ई-वेरिफाई करना, पोस्ट के जरिए आईटीआर-वी भेजकर वेरिफिकेशन शामिल हैं। अपनी इच्छानुसार वेरिफिकेशन करने या न करने के बाद प्रिव्यू एंड सबमिट बटन पर क्लिक करें। अंत में आप आईटीआर सबमिट करें।