Income Tax : जानिए मोदी सरकार का नया प्लान, ऐसे पकड़ेंगे आपकी टैक्स चोरी
नई दिल्ली। मोदी सरकार ने अब टैक्स चोरों पर नजर टेढ़ी कर दी है। ऐसे टैक्स चोरों को लगता था कि उनको पकड़ना कठिन है, लेकिन मोदी सरकार ने अबकी बार पक्का प्लान बना लिया है। अब आयकर विभाग अपने फार्म 26एएस में बदलाव करने जा रहा है। इसके तहत इनकम टैक्स विभाग इसमें ऐसे हेड जोड़ने जा रहा है, जिसके बाद आप की कमाइ के साथ साथ खर्च का हिसाब किताब भी सरकार के सामने आ जाएगा। ऐसे में अगर आप जब इनकम टैक्स रिटर्न भरेंगे और उसमें असलियत छिपाएंगे तो वह आसानी से पकड़ में आ जाएगी। इनकम टैक्स विभाग की इस पहल के बाद अब टैक्स की चोरी काफी कठिन हो जाएगी।
जानिए फार्म 26एएस में क्या हुआ है बदलाव
इनकम टैक्स विभाग ने टैक्स की चोरी पर लगाम लगाने के लिए फार्म 26एएस में दिखाए जाने वाले मदों का दायरा बढ़ाने का फैसला किया है। अब इसमें व्हाइट गुड पर्चेज, प्रॉपर्टी टैक्स का भुगतान, मेडिकल और बीमे की प्रीमियम का भुगतान के अलावा होटल के बिल के भुगतान जैसी चीजों को शामिल किया जा रहा है। इसके अलावा इनकी थ्रेशहोल्ड लिमिट भी घटाने की तैयारी है। अब सरकार आपके खर्च भी आपकी इनकम का अंदाजा लगाएगी और टैक्स चोरी को पकड़ेगी।
13 अगस्त 2020 को किया है ट्रांसपेरेंट टैक्सेशन प्लेटफार्म का उद्धाटन
पीएम नरेन्द्र मोदी ने बीते 13 अगस्त को ट्रांसपेरेंट टैक्सेशन प्लेटफार्म को लॉन्च किया है। इसके साथ ही कराधान का दायरा बढ़ाने के लिए फेसलेस असेसमेंट और रिटर्न दाखिले में सरलता लाने जैसे कई और टैक्स सुधारों की भी शुरुआत की है। टैक्स सिस्टम में सुधार, सरलता और पारदर्शिता लाने के लिए सरकार ने टैक्स डिस्क्लोजर के लिए तमाम तरह के लेनदेन की न्यूतम सीमा को घटाने का भी निर्णय लिया है। ऐसा करने का टैक्स देने वालों की संख्या बढ़ाना और कर चोरी रोकने का प्रयास का हिस्सा माना जा रहा है। अब अगर कोई व्हाइट गुड खरीदते हैं, प्रॉपर्टी टैक्स चुकाते हैं, मेडिकल या लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम और होटल बिल का भुगतान करते हैं, तो बिलर को इसकी सूचना सरकार को देनी होगी और आपके ये सारे खर्चे फार्म 26एएस में दर्ज रहेंगे।
जानिए सरकार की नई सीमा
ऐसे में आप 20 हजार रुपये से ज्यादा का बीमा प्रीमियम या होटल के बिल का भुगतान करेंगे तो यह जानकारी सरकार के पास अपने आप ही पहुंच जाएगी वहीं 1 लाख रुपये से ज्यादा की स्कूल फीस भरेंगे या फिर कोई व्हाइट गुड, ज्वेलरी, मार्बल या पेंटिंग की खरीददारी करेंगे तो इसकी जानकारी भी सरकार को मिल जाएगी। यह जानकारी बिक्रेता को सरकार देना कानून जरूरी होगा। बाद में यह पूरी जानकारी आपके 26एएस में दर्ज कर दी जाएगी। बाद में जब आप अपना आईटीआर भरेंगे तो उससे इसका मिलान किया जाएगा। अगर विवरण में गलती होगी तो इनकम टैक्स विभाग आपसे पूछताछ करेगा।
ये जानकारियां भी सरकार को मिल जाएंगी
20000 रुपये से ज्यादा का प्रॉपर्टी टैक्स और 1 लाख रुपये से ज्यादा का बिजली बिल का भुगतान भी अगर आपने किया है तो इसकी जानकारी सरकार के पास पहले ही पहुंच जाएगी। इसके अलावा घरेलू और विदेशी दोनों ही बिजनेस क्लास एयर ट्रैवल की जानकारी भी सरकार के पास जाएगी। इनमें से कुछ बातों की घोषणा यूनियन बजट में पहले ही की गई थी या फिर इनकम टैक्स रिटर्न के जरिए इन पर नजर रखी जा रही थी। लेकिन अब इसके औपचारिक कार्यान्वयन की घोषणा की गई है।
अभी यह थी व्यवस्था
वर्तमान स्थितियों में 30 लाख रुपये से ज्यादा की संपत्ति खरीद, शेयरों में किया गया 10 लाख रुपये का निवेश, म्यूचुअल फंड, डीमैट, क्रेडिट कार्ड और फिक्स डिपॉजिट के जरिए किये गये 10 लाख रुपये से ज्यादा के लेन-देन की सूचना सरकार को कानूनी रूप से दी जाती थी। वहीं बैंकों में कैश डिपॉजिट की लिमिट सेविंग अकाउंट के लिए 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख और करंट अकाउंट के लिए 50 लाख कर दी गई है। लेकिन अगर आप 30 लाख रुपये से ज्यादा का बैंकिंग लेनदेन करते हैं, तो आपको टैक्स रिटर्न दाखिल करना होगा, चाहे आपके इस लेनदेन की सूचना कर विभाग को भेजी गई हो या न भेजी गई हो।