Income Tax : CBDT ने दी राहत, इसलिए फिर बढ़ाई डेडलाइन
नयी दिल्ली। सीबीडीटी ने बुधवार को एक आदेश में वित्त वर्ष 2019-20 के लिए लेट और संशोधित आयकर रिटर्न की समय सीमा बढ़ा दी। अब 30 सितंबर के बजाय 30 नवंबर तक लेट और संशोधित (रिवाइस्ड) आईटीआर दाखिल किया जा सकेगा। यह फैसला कोरोना के कारण करदाताओं के सामने आ रही समस्याओं को देखते हुए लिया गया है। इस संबंध में आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 119 (2) (ए) के तहत केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) द्वारा आदेश जारी किया गया है। सीबीडीटी ने टैक्स ऑडिट की समय सीमा को भी 30 सितंबर से बढ़ा कर 31 अक्टूबर 2020 कर दिया।
ये डेडलाइन भी बढ़ी
इसके साथ ही आकलन वर्ष 2019-20 के लिए आईटीआर दाखिल करने की समय सीमा भी बढ़ा दी गयी है। इस समय सीमा को 31 जुलाई और 31 अक्टूबर से 30 नवंबर तक के लिए आगे बढ़ा दिया गया है। सरकार ने विवाद से विश्वास स्कीम के तहत बिना जुर्माने और ब्याज के भुगतान करने की समय सीमा भी बढ़ाई है। अब इसके लिए अंतिम तिथि 31 दिसंबर तय की गयी है।
बाद में कितना लगेगा जुर्माना
आयकर विभाग की वेबसाइट के अनुसार 31 दिसंबर या इससे पहले आईटीआर के लिए जुर्माना 5,000 रुपये है, लेकिन इसके बाद में दाखिल करने के लिए यह जुर्माना राशि दोगुनी होगी। हालांकि अगर आपकी कर योग्य आय 5 लाख रुपये से कम है, तो अधिकतम जुर्माना 1,000 रुपये होगा। दूसरी ओर यदि टैक्स 25 लाख रुपये से अधिक हो जाता है तो फिर 6 महीने से 7 साल तक की सजा भी हो सकती है।
कितना हुआ टैक्स कलेक्शन
हाल ही में लोकसभा को संबोधित करने के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि केंद्र ने इस साल अप्रैल-जुलाई की अवधि में सकल कर राजस्व में 3.18 लाख करोड़ रुपये जमा किए। उन्होंने कहा कि यह 2019 में इसी अवधि के मुकाबले प्राप्त हुए सकल कर राजस्व से 29.5 प्रतिशत की गिरावट है।
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