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जितनी पढ़ाई उतना पैसा : जानिए इस मांग को लेकर कहां पर कोर्ट में गए छात्र

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नयी दिल्ली। कोरोना ने दुनिया भर के स्टूडेंट्स का कॉलेज रुकवा दिया है। छात्र कॉलेज नहीं जा पा रहे हैं। मगर ऐसा नहीं है कि छात्रों की पढ़ाई रुक गई है। कॉलेज छात्रों को ऑनलाइन क्लास दे रहे हैं। पर इसी मुद्दे को लेकर अमेरिका में छात्रों और कॉलेजों के बीच तकरार हो रही है। मामला मुकदमेबाजी तक पहुंच गया है। कितने ही अंडर-ग्रेजुएट्स छात्र 50 से अधिक संस्थानों के लिए खिलाफ मुकदमा कर चुके हैं। इन मुकदमों की वजह है वो मोटी फीस, जो छात्रों ने कॉलेज में पढ़ने के लिए दी थी। पर कोरोना के कारण वे घरों से पढ़ रहे हैं। इसलिए अब अमेरिका में दर्जनों संस्थानों के छात्र ट्यूशन, क्लास और बोर्ड जैसी बाकी चीजों के लिए अपनी फीस का कुछ पार्ट वापस चाहते हैं। बता दें कि ऐसे मुकदमों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है और जिन संस्थानों के खिलाफ छात्रों ने मुकदमे किए हैं उनमें अमेरिका की कई बड़ी यूनिवर्सिटी शामिल हैं।

 

कॉलेजों के लुभावने विज्ञापन

कॉलेजों के लुभावने विज्ञापन

छात्रों के वकील Collegerefund2020.com जैसी साइटों पर विज्ञापन देकर सैकड़ों-हजारों छात्रों की ओर से मामले पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। जबकि कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि इन मुकदमों में अरबों डॉलर के क्लेम शामिल हो सकते हैं। हालांकि वे ये भी कहते हैं कि इस तरह के मुकदमों में काफी अड़चनें आती हैं। जहां तक कॉलेजों का सवाल है तो अपनी उच्च फीस, जो एक साल की 70000 डॉलर तक हो सकती है, को सही साबित करने के लिए ऑन-कैंपस अनुभवों के विज्ञापन देते रहे हैं। मगर ये पूरी फीस कॉलेज में पढ़ने के लिए थी।

लाखों छात्र कर रहे ऑनलाइन पढ़ाई
 

लाखों छात्र कर रहे ऑनलाइन पढ़ाई

लाखों छात्र कॉलेज के बजाय ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं। छात्रों की तरफ से किए गए मुकदमों में वर्चुअल और इन-पर्सन अनुभव के बीच के अंतर के मुआवजे की मांग की गई है। यानी वे कॉलेज में पढ़ाई और घर बैठ कर ऑनलाइन पढ़ाई के बीच के अंतर का रिफंड चाहते हैं। एक छात्र के मुताबिक वे लाइब्रेरी, जिम, कम्प्यूटर लैब, स्टडी रूम और लाउंज के अलावा डाइनिंग हॉल जैसी सुविधाएं नहीं ले पा रहे हैं। जिन संस्थानों के खिलाफ छात्रों ने मुकदमे किए हैं उनमें से कैलिफोर्निया स्टेट सिस्टम का कहना है कि ये अपनी सर्विसेज दे रही है इसलिए ये अपना बचाव करेगी।

कुछ कॉलेज फीस लौटाने को तैयार

कुछ कॉलेज फीस लौटाने को तैयार

हालांकि कुछ कॉलेज ऐसे भी हैं जो बिना इस्तेमाल हुए कमरों और बोर्ड के लिए छात्रों को रिफंड देने को तैयार हैं। इनमें हार्वर्ड, कोलंबिया, मिडिलबरी और स्वार्थमोर कॉलेज शामिल हैं। कुछ कॉलेज क्रेडिट देने को तैयार हैं, जबकि कुछ ने अभी तय नहीं किया है कि मामले में क्या करना है। मगर व्यक्तिगत छात्रों के लिए इस आर्थिक संकट में मिलने वाला रिफंड काफी अहम हो सकता है। क्योंकि एक कॉलेज जो एक सेमेस्टर के कमरे और बोर्ड के लिए 8,000 डॉलर का शुल्क ले रहा है, अगर आधा भी रिफंड करे तो छात्र को 4,000 डॉलर मिल जाएंगे। हालांकि इससे कॉलेजों के लिए मुश्किल बढ़ेगी। अनुमान लगाया जा रहा है कि कॉलेजों को जल्द ही और अधिक मुकदमे झेलने होंगे।

कोरोना जैसे बुरे वक्त में भी यहां लगाएं पैसा, मिलेगा तगड़ा मुनाफाकोरोना जैसे बुरे वक्त में भी यहां लगाएं पैसा, मिलेगा तगड़ा मुनाफा

English summary

In US students moves to court against universities to get partial refund of fee

Corona has stopped college of students from all over the world. Students are not able to go to college. But it is not that the students have stopped studying. Colleges are offering online classes to students.
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