Lockdown का असर, जीडीपी में 5 फीसदी गिरावट का अनुमान
नयी दिल्ली। मौजूदा आर्थिक हालात को देखते हुए रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने एक नई रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में वित्त वर्ष 2020-21 में भारत की जीडीपी में 5 फीसदी की गिरावट का अनुमान लगाया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना संकट से वापसी करने में तीन वित्त वर्ष लग सकते हैं। भारत की जीडीपी अगले तीन वित्त वर्षों में कोरोना संकट से पहले की स्थिति में आ सकेगी। बता दें कि क्रिसिल ने ताजा रिपोर्ट में जीडीपी में इस वित्त वर्ष में 5 फीसदी की गिरावट से पहले 28 अप्रैल को अनुमानित विकास दर 3.5 फीसदी से घटा कर 1.8 फीसदी कर दी थी। क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में जीडीपी में गिरावट के तीन बड़े कारण बताए हैं, जिनमें लॉकडाउन में बढ़ोतरी, उच्च आर्थिक लागत और कमजोर आर्थिक राहत पैकेज शामिल हैं।
कृषि सेक्टर कर सकता है बेहतर प्रदर्शन
क्रिसिल के अनुसार गैर-कृषि जीडीपी में 6 फीसदी की गिरावट आ सकती है, जबकि कृषि सेक्टर से अर्थव्यवस्था को थोड़ा सहारा मिल सकता है। क्रिसिल के मुताबिक वित्त वर्ष 2020-21 में कृषि सेक्टर में 2.5 फीसदी की ग्रोथ देखने को मिल सकती है। क्रिसिल की रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना संकट से आने वाली मंदी अलग तरह की हो सकती है। पहला तो कृषि सेक्टर अपने स्तरों पर ग्रोथ हासिल कर सकता है। दूसरा लॉकडाउन से अधिकतर गैर-कृषि सेक्टर प्रभावित हुए हैं। तीसरे निर्यात के मोर्चे पर भारत के सामने अड़चनें आई हैं।
तीन बार आई है मंदी
क्रिसिल के मुताबिक मौजूद आंकड़ों के मुताबिक पिछले 69 सालों में भारत में तीन 1958, 1966 और 1980 में मंदी आई है। तीनों बार मंदी का एक ही मुख्य कारण रहा है और वो है कमजोर मॉनसून के कारण कृषि सेक्टर का प्रभावित होना, जो उस समय अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा था। बहरहाल इसी सप्ताहांत में लॉकडाउन की अवधि खत्म हो रही है और उम्मीद है कि सरकार आगे के लॉकडाउन के लिए कुछ रास्ता निकेलगी। मगर वे राज्य जहां कोरोना मामले बढ़ रहे हैं वहां प्रतिबंध जारी रहेंगे जिसका इकोनॉमी पर प्रभाव पड़ेगा।
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