IMF : गिरावट के बाद भी दुनिया में भारत की GDP सबसे तेज बढ़ेगी
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2020-21 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को कम कर दिया है।
नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2020-21 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को कम कर दिया है। बता दें कि आईएमएफ ने कहा है कि इस साल भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट केवल 1.9 फीसदी रहेगी। आईएमएफ का मानना है कि कोरोनावायरस महामारी के चलते 2020 का साल वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए काफी खराब रहने वाला है। बावजूद भारत दुनिया की सबसे तेज अर्थव्यवस्था बना रहेगा। इसका कारण है कि दुनिया के अन्य देशों की दशा काफी खराब होगी।
आईएमएफ का अनुमान है कि इस साल वैश्विक अर्थव्यवस्था में 1930 के दशक की महामंदी के बाद की सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिलेगी। कोविड19 के कारण इस वक्त पूरी दुनिया में सभी आर्थिक गतिविधियां बंद हैं। वहीं भारत का आर्थिक प्रदर्शन इस साल 1991 के उदारीकरण के बाद सबसे खराब रहेगा। लेकिन आईएमएफ ने वर्ल्ड इकोनॉमी रिपोर्ट के नए एडिशन में भारत को दुनिया की सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था करार दिया है। आईएमएफ का कहना है कि 2020 में केवल दो बड़े देश पॉजिटिव ग्रोथ रेट दर्ज करेंगे। इनमें से एक भारत और दूसरा चीन है, जिसके लिए आईएमएफ ने 1.2 फीसदी की ग्रोथ रेट का अनुमान दिया है।
वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर गिरकर -3% रहने की अनुमान
वहीं वैश्विक अर्थव्यवस्था को लेकर आईएमएफ की चीफ इकोनॉमिस्ट गीता गोपिनाथ ने कहा है कि 2020 में वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर गिरकर -3 फीसदी रहने का अनुमान है। यह जनवरी 2020 से 6.3 फीसदी कम है। इस बात की भी जानकारी दी है कि कोविड19 महामारी सभी क्षेत्रों को बुरी तरह प्रभावित करेगी। आईएमएफ ने 2021 में वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर 5.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। वहीं भारत की ग्रोथ रेट 2021 में 7.4 फीसदी और चीन की 9.2 फीसदी रहने का अनुमान दिया है। वहीं अमेरिका की वृद्धि दर 2021 में 4.5 फीसदी और जापान की 3 फीसदी रहने की बात कही है। आईएमएफ की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि टूरिज्म, ट्रैवल, एंटरटेनमेंट और हॉस्पिटैलिटी पर निर्भर देशों को ज्यादा नुकसान झेलना पड़ सकता है।
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