बैंक खाते से चाहिए ज्यादा ब्याज तो अपनाएं ये ट्रिक्स, खूब आएगा पैसा
नई दिल्ली, अगस्त 17। सामान्य तौर पर बैंक अपने ग्राहको को सेविंग्स अकाउंट पर एफडी की तुलना में कम ब्याज देते हैं। ग्राहक सेविंग अकाउंट में पैसा इसलिए रखते हैं ताकि जब उन्हें पैसों की जरूरत हो तो तुरन्त वें पैसै निकाल सकें। फिक्स्ड डिपॉजिट में ऐसा कर पाना संभव नहीं है। बैंक सेविंग अकाउंट पर एफडी के मुकाबले ब्याज कम देते हैं लेकिन बैंक की तरफ से कुछ ऐसी सुविधाएं भी हैं जिनकी मदद से सेविंग अकाउंट पर भी ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है। चलिए हम आपको बताते हैं कि सेविंग्स अकाउंट में जमा राशि पर ज्यादा ब्याज कैसे पाया जा सकता है।
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क्या है यह सुविधा
आजकल लगभह सभी बैंक के सेविंग्स अकाउंट में 'स्विप-ऑउट' और 'स्विप इन' की सुविधा मिलती है। सेविंग अकाउंट पर मिलने वाली इस सुविधा की मदद से कोई भी ग्राहक आसानी से सेविंग्स अकाउंट में जमा राशि पर ज्यादा ब्याज प्राप्त कर सकता है।
कैसे मिलता है ब्याज
बैंक सेविंग्स अकाउंट के ग्राहको को यह सुविधा देते हैं। स्विप सुविधा की मदद से ज्यादा रकम होने पर ऑटोमैटिक तरीके से फिक्स्ड डिपॉजिट में डाला जा सकता है। अगर आपको पैसो की जरूरत हो तो फिक्स डिपॉजिट अपने आप रिजाल्व हो जाता है।
ज्यादा होती है कमाई
जब सेविंग्स अकाउंट में जमा पैसा फिक्स्ड डिपॉजिट में चला जाता है तो इस पर ज्यादा ब्याज मिलता है। लिंक्ड एफडी में यह सुनिश्चित होता है कि आपके जमा अमाउंट पर ज्यादा ब्याज दर मिले। यह दर आम सेविंग्स अकाउंट की तुलना में ज्यादा होती है। इससे कमाई बढ़ जाती है।
सुविधा की खासियत
इस सुविधा की खास बात यह है कि ग्राहक को अपने अकाउंट में सरप्लस मनी को बार-बार ट्रैक नहीं करना पड़ेगा। जब भी ग्राहक बैंक को अपने सेविंग्स अकाउंट को टर्म डिपॉजिट में बदलने को कहेंगे तो यह प्रक्रिया अपने आप पूरी हो जाएगी।
सरप्लस की रकम
बैकों द्वारा दिए जाने वाली इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए सबसे पहले आपको बैंक को यह जानकारी देनी होगी कि आप अपने सेविंग्स अकाउंट पर स्विप की सुविधा शुरू करना चाहते हैं। इसके बाद आपको यह तय करना होगा कि आपको सरप्लस का कितना इस्तेमाल करना है। आपको ही यह तय करना होगा। बैंको में इसकी सीमा 1 लाख से 10 लाख की होती है।
क्या हैं मैच्योरिटी के नियम
जो लिमिट ग्राहक ने तय कि है जब उससे अधिक पैसा आपके सेविंग अकाउंट में होगा तो बैंक उसे फिक्स डिपॉजिट में डाल देगा। इस तरह के एफडी की मेच्योरिटी पिरियड 1 साल से लेकर 10 साल तक की हो सकती है। जब यह एफडी मेच्योर होती है तो अपने आप यह राशि रिन्यू हो जाती है। इस सुविधा को महिलाओं और बच्चों के स्पेशल अकाउंट के साथ भी जोड़ा जा सकता है।