Income Tax Refunds के लिए किया है क्लेम तो जरूर रखें ये प्रूफ, वरना लगेगा 200 फीसदी जुर्माना
नई दिल्ली, अगस्त 20। अगर आपने इनकम टैक्स रिटर्न की प्राप्त राशि में अतिरिक्त कर कटौती का दावा किया है तो आपको फॉर्म 16 में उल्लेखित सभी आंकड़ों का विवरण रखना होगा। अगर आप अतिरिक्त टैक्स कटौती का झूठा दावा करते है तो आप पर 200 प्रतिशत तक का जुर्माना लग सकता है।
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200 प्रतिशत जुर्माना देना होगा
ऑटो-जेनरेटेड सूचना जारी करने के बाद, प्राप्तकर्ताओं को फॉर्म 16 के साथ विसंगतियों को दूर करने के लिए रिटर्न को संशोधित करने के लिए 15 दिनों का समय मिलेगा या यदि कटौती का झूठा दावा किया जाता है तो 200 प्रतिशत जुर्माना देना होगा।
आयकर नोटिस मिल सकता है
चार्टर्डक्लब डॉट कॉम के संस्थापक और सीईओ सीए करण बत्रा ने कहा, पिछले वर्ष बहुत से करदाताओं को इसी तरह की सूचना मिली थी। वास्तविक दावों के मामले में, आपको इन्वेस्टमेंट का प्रूफ जैसे एनपीएस, पीपीएफ, एसएसवाई, एनएससी, एससीएसएस, कर-बचत एफडी, यूलिप, ईएलएसएस आदि और व्यय जैसे जीवन/स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम, बच्चों की ट्यूशन फीस रसीदें, गृह ऋण ब्याज और गृह ऋण मूलधन की अदायगी आदि और दिए गए दान का प्रमाण आदि। ऐसा करना इसलिए जरूरी है क्योंकि 15 दिनों के भीतर आईटीआर को संशोधित नहीं किया जाता है। ऑटो-जेनरेटेड सूचना के मैन्युअल सत्यापन के बाद आपको उचित आयकर नोटिस मिल सकता है।
इन्वेस्टमेंट सर्टिफिकेट अपलोड करना पड़ सकता है
बत्रा की तरफ से कहा गया कि " हालांकि इसकी संभावना कम है, मगर फिर भी ऐसा हो सकता है।" ऐसे स्थिति में आपको 200 प्रतिशत तक का जुर्माना देना हो सकता है। इससे बचने के लिए आपको ई-फाइलिंग पोर्टल पर इसके लिए दिए गए स्लॉट में इन्वेस्टमेंट सर्टिफिकेट अपलोड करना पड़ सकता है। इसलिए यदि आपने कर और बचत इन्वेस्ट किया है। या कटौती योग्य खर्च किया है या आयकर अधिनियम की धारा 80जी के कटौती के लिए पात्र संगठनों में दान दिया है। मगर टीडीएस के फायदे के लिए अपने नियोक्ता को इसका खुलासा नहीं किया है तो ऐसे कर-बचत निवेशों/खर्चों/दानों के प्रमाण किसी भी असुविधा से बचने के लिए सरल हैं।