क्रेडिट कार्ड बिल जमा नहीं किया तो फंस सकते है मुश्किल में
अगर आप क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो बिल चुकाने में देरी नही करें। क्रेडिट कार्ड होल्डर को हर महीने बिल की चिंता रहती है। अगर समय पर बिल जमा नहीं होता है तो इस पर लेट पेमेंट चार्ज करना होता है
नई दिल्ली: अगर आप क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो बिल चुकाने में देरी नही करें। क्रेडिट कार्ड होल्डर को हर महीने बिल की चिंता रहती है। अगर समय पर बिल जमा नहीं होता है तो इस पर लेट पेमेंट चार्ज करना होता है। इसके साथ ही तय तिथि के बाद आपको जुर्माना भी देना पड़ सकता है। कई बार ऐसा भी होता है कि बिल ज्यादा हो गया है या किसी अन्य कारणों से क्रेडिट कार्ड का बिल आप नहीं चुका पा रहे हैं तो कार्ड सेटलमेंट के जरिए कुछ लोग बकाए का भुगतान करते हैं। लेकिन लंबे समय तक क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान नहीं होता है तो आपको मुश्किलों का सामना भी करना पड़ सकता है।
क्रेडिट कार्ड का बिल चुकाने में नही करें देरी
आपको इस बात से अवगत करा दें कि हाल ही में जारी एसबीआई कार्ड्स आईपीओ प्रॉस्पेक्टस के आंकड़ों से पता चलता है कि कंपनी ने पेमेंट एंड सेटलमेंट एक्ट 2007 की धारा 25 के तहत 14,174 मामले दर्ज किए है। जबकि निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 138 के तहत 19,201 केस दर्ज किए हैं। धारा 138 के तहत मामला, आम तौर पर तब दर्ज किया जाता है जब धन की अपर्याप्तता के कारण एक चेक को डिस्ऑनर किया जाता है।
बैंक कर सकता कानूनी कार्यवाही
अगर आप भी अकसर क्रेडिट कार्ड बिल को जमा करने में देरी करते है तो अब जरा सा भी लापरवाही नहीं करें। क्योंकि पेमेंट एंड सेटलमेंट एक्ट के तहत मामला तब दायर किया जाता है जब पैस की कमी के कारण इलेक्ट्रॉनिक भुगतान फेल हो जाता है। आईपीओ प्रॉस्पेक्टस में कहा गया है कि एसबीआई कार्ड खाताधारक का खाता बंद कर सकता है, अगर तय तारीख तक पेमेंट रिसीव नहीं होता है। पेमेंट ना करने की स्थिति में 6 महीने के बाद क्रेडिट कार्ड जारी करने वाला बैंक कानूनी कार्यवाही शुरू कर सकता है। इस स्थिति में पेमेंट ना करने वाले को आपराधिक मामले में निरुद्ध किया जा सकता है।
कार्डधारक को दो साल का जेल भी हो सकता
दूसरी ओर इस बात की भी जानकारी दें कि निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 138 के तहत ऐसे मामले दर्ज किए जा सकते हैं। दोनों मामलों में दो साल की जेल और जुर्माने का प्रावधान है। निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट के तहत मामला तब दर्ज किया जाता है जब क्रेडिट कार्ड पेमेंट चेक बाउंस हो जाता है। ऐसे में क्रेडिट कार्ड जारी करने वाले बैंक को 30 दिनों के भीतर इसको लेकर नोटिस देना होता है। अगर नोटिस मिलने के 15 दिनों के अंदर भुगतान करने में आप असमर्थ रहते हैं तो उपरोक्त धारा के अंतर्गत केस फाइल किया जा सकता है। वहीं, बिल पेमेंट ना करने पर सिबिल जैसी रेटिंग एजेंसियां ब्लैक-लिस्ट भी कर सकती हैं। इस स्थिति में आपको लोन मिलने में दिक्कत हो सकती है। Flipkart बिग शॉपिंग डेज सेल में इन 5 चीजों पर मिल रहा डिस्काउंट ये भी पढ़ें