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Electric Vehicle के लिए ले रहे Insurance, तो इन चीजों का जरूर रखें ध्यान

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Insurance on Electric Vehicle : ईंधन की कीमतों में लगातार वृद्धि और इंटरनल कंबस्शन इंजन (आईसीई) वाहनों के बहुत अधिक कार्बन उत्सर्जन को लेकर बढ़ती पर्यावरणीय चिंताओं के कारण इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की डिमांड भारत में तेजी से बढ़ रही है। कम मैंटेनेंस कॉस्ट और सरकार की खास पॉलिसियों ने भी इलेक्ट्रिक वाहनों के बढ़ती मांग में इजाफा कराया है। केंद्र और राज्य सरकारें भी 2030 तक भारत को एक प्रमुख इलेक्ट्रिक व्हीकल बाजार बनाने के लक्ष्य के लिए एक क्लीन और ग्रीन ट्रांसपॉर्टेशन सिस्टम बनाने की दिशा में कई कदम उठा रही हैं। इनमें इंटरऑपरेबिलिटी स्टैंडर्ड के साथ बैटरी स्वैपिंग पर सरकार की नई ईवी पॉलिसी की घोषणा देश में ईवी को तेजी से अपनाने में मदद करेगा। पर यदि आप ईवी खरीद रहे हैं तो उसके लिए बीमा लेना जरूरी है। यदि आप ईवी पर बीमा ले रहे हैं तो कुछ बातों पर ध्यान देना जरूरी है।

E-Vehicle पर बीमा लेते समय इन चीजों का जरूर रखें ध्यान

उचित कवर होना जरूरी
इलेक्ट्रिक वाहन फ्यूल वाले वाहनों की तुलना में महंगे होते हैं। इसलिए, ऐसी पॉलिसी चुनने की सलाह दी जाती है जो वाहन को पूरी तरह से कवर करे न कि केवल थर्ड पार्टी कवर, जो केवल किसी थर्ड पार्टी व्यक्ति, वाहन या संपत्ति को हुए नुकसान को कवर करे। इसके अलावा, वाइडर प्रोटेक्श के लिए बीमा कंपनी द्वारा प्रस्तावित ऐड-ऑन कवर को भी देखें। अलग-अलग ऐड-ऑन के लिए प्रीमियम अलग-अलग बीमाकर्ता के लिए अलग-अलग हो सकता है।

प्रीमियम देखना जरूरी
पेट्रोल और डीजल वेरिएंट की तुलना में, ईवी के लिए अच्छी बीमा पॉलिसी के लिए प्रीमियम अभी अधिक होगा। ऐसा रिपेयर कॉस्ट और बैटरी बदलने की लागत के कारण होगा। ऐसा ईवी में उपयोग की जाने वाली एडवांस्ड तकनीकों के कारण भी होता है, जिससे लागत में वृद्धि हो जाती है। हालांकि, ग्राहक थर्ड-पार्टी प्रीमियम पर 15 फीसदी की छूट पा सकते हैं। इसका मतलब है कि आप कॉम्पिटिटिव रेट्स पर इलेक्ट्रिक कारों के लिए बीमा प्राप्त कर सकते हैं।

E-Vehicle पर बीमा लेते समय इन चीजों का जरूर रखें ध्यान

जीरो-डेप्रिसिएशन ऐड-ऑन
इलेक्ट्रिक वाहन के कंपोनेंट को हाई टेक्नोलॉजी का उपयोग करके बनाया जाता है और इसकी लागत अधिक होगी। जीरो डेप्रिसिएशन ऐड-ऑन कवरेज क्लेम के दौरान फायदेमंद हो जाता है क्योंकि डेप्रिसिएशन के आधार पर कैल्कुलेशन की गई राशि माफ कर दी जाती है और नुकसान के कारण पूरी राशि का भुगतान हो जाता है। उदाहरण के लिए, किसी वाहन के असल रेट की तुलना में बैटरी का डेप्रिसिएशन बहुत तेजी से होता है।

लोकेशन और प्रीमियम पर प्रभाव
वाहन का प्रकार और लोकेशन सीधे पॉलिसी की अंडरराइटिंग पर दिखता है। उदाहरण के लिए यदि कुछ लोकेशन पर वाहनों की चोरी का खतरा अधिक है या किसी लोकेशन पर बैटरी जल्दी खराब हो जाती है तो वहां प्रीमियम अधिक हो सकता है।

E-Vehicle पर बीमा लेते समय इन चीजों का जरूर रखें ध्यान

इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू
अलग-अलग इंश्योरेंस कंपनियां अलग-अलग इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू (आईडीवी) ऑफर करती हैं। इससे पहले कि आप अपनी पसंद के बीमाकर्ता की तरफ से प्रस्तावित आईडीवी की जांच करें, तो यह जरूरी है कि आप इसकी मौजूदा मार्केट वैल्यू की वैल्युएशन करें। जब आप इलेक्ट्रिक वाहन बीमा पॉलिसियों की ऑनलाइन तुलना करते हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप एक ऐसे बीमाकर्ता को खोजें जो एक आईडीवी ऑफर करता है जो मार्केट रेट के सबसे करीब है। यह चोरी या वाहन के नुकसान के मामले में उपयोगी होगा।

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English summary

If you are taking insurance for electric vehicle then keep these things in mind

It is advisable to choose a policy that covers the vehicle as a whole and not just a third party cover that only covers damages caused to a third party person, vehicle or property.
Story first published: Thursday, November 24, 2022, 19:17 [IST]
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