ICICI Lombard : घर पर इलाज कराने पर भी मिलेगा बीमा क्लेम, जानिए पूरी डिटेल
नयी दिल्ली। कोरोनावायरस महामारी के मद्देनजर बीमा कंपनी आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस ने एक नई सुविधा शुरू की है। प्राइवेट सेक्टर की सबसे बड़ी नॉन-लाइफ बीमा कंपनी की नई सुविधा के तहत ग्राहक बीमा क्लेम लेने के लिए अस्पताल में भर्ती होने के बजाय अपने घर पर ही इलाज करवा सकते हैं। यानी अब अगर बीमाधारक अस्पताल की बजाय घर पर ही अपान इलाज कराना चाहे तो वो खर्च भी इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत कवर किया जाएगा। माना जा रहा है कि इससे उन ग्राहकों को सहूलियत मिलेगी जो अस्पताल के बजाय घर पर इलाज करवाने को अधिक सुरक्षित मानते हैं और अस्पताल के मुकाबले घर को ज्यादा सुविधानजक मानते हैं। आईसीआईसीआई लोम्बार्ड ने महामारी को देखते हुए कुछ और भी सुविधाएं शुरू की हैं।
अब सिर्फ 15 दिन होगा वेटिंग पीरियड
आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस ने कोरोनावायरस से संबंधित क्लेम की प्रतीक्षा अवधि यानी वेटिंग पीरियड को भी पहले के 30 दिन से घटा कर 15 दिन कर दिया। खास बात यह है कि बीमा कंपनी की तरफ से वेटिंग पीरियड में इस कटौती के लिए प्रीमियम में कोई इजाफा नहीं किया गया है। दूसरे ये बेनेफिट अब सभी हेल्थ पॉलिसियों पर लागू होगा, जिसमें पूर्ण स्वास्थ्य बीमा, हेल्थ बूस्टर, हेल्थकेयर प्लस और ग्रुप प्लान शामिल है।
आईसीआईसीआई लोम्बार्ड की खास स्कीम
आईसीआईसीआई लोम्बार्ड ने कोरोनावायरस संकट को देखते हुए मार्च में एक स्पेशल बीमा पॉलिसी पेश की थी। कोविड-19 प्रोटेक्श कवर नाम की इस पॉलिसी को कंपनी ने ग्रुप इंश्योरेंस मोड में पेश किया था। पॉलिसी के तहत कंपनी आपको किसी भी सरकारी सेंटर पर कोरोनावायरस टेस्ट के पॉजिटिव आने की स्थिति में पूरी राशि चुकाएगी। खास बात ये है कि बीमा की राशि पॉलिसी की अवधि के दौरान, यदि कोविड-19 पॉजिटिव हो तो, एक बार में ही दी जाएगी। मगर ध्यान रहे कि इसमें शुरुआती 14 दिन का वेटिंग पीरियड होगा। 1 साल की इस पॉलिसी में 25 हजार रुपए का कवर है। जबकि इसका प्रीमियम 149 रुपए रखा गया है।
कोरोना के बीच बीमा कारोबार बढ़ा
बीमाकर्ताओं के मुताबिक कोरोनावायरस के डर ने लोगों को स्वास्थ्य बीमा खरीदने के लिए प्रेरित किया है। एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों के बारे में पूछताछ में लगभग 30-40% की वृद्धि हुई है। मगर बीमा कंपनियों के सामने समस्या रोगी की प्रोफाइल, रुग्णता दर और उपचार तथा लागत से संबंधित आंकड़ों की कमी को लेकर है। जहां तक कारोबार करने के तरीके का सवाल है तो इस महामारी ने तरीके को बदल दिया है और बीमा उद्योग भी इससे अछूता नहीं रहा है। नई पॉलिसी बेचने से लेकर क्लेम निपटाने तक डिजिटल प्लेटफॉर्म तक किया जा रहा है।
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