IATA : बिना मदद के एयरलाइन इंडस्ट्री का हो जाएगा बुरा हाल
नयी दिल्ली। तत्काल सरकारी सहायता के बिना कोरोनोवायरस महामारी एयरलाइन इंडस्ट्री में बर्बादी ला सकती है। ये कहना है इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन या आईएटीए का। आईएटीए ने मंगलवार को चेतावनी देते हुए कहा कि एयरलाइन उद्योग को अकेले इस साल आमदनी में 250 अरब डॉलर से अधिक का नुकसान हो सकता है। आईएटीए का कहना है कि अगर तीन महीनों के लिए इतने गंभीर प्रतिबंध जारी रहे तो इसके ताजा अनुमान के मुताबिक वार्षिक यात्री आमदनी में 252 अरब डॉलर की भारी भरकम गिरावट आएगी, जो पिछले साल के मुकाबले एयरलाइन इंडस्ट्री की आमदनी में 44 फीसदी क गिरावट होगी। ये गिरावट आईएटीए के 113 अरब डॉलर की आमदनी की गिरावट के अनुमान से दोगुने से अधिक है जो इसने तब लगाया था जब कई देशों ने यात्रा पर प्रतिबंध लगाना शुरू किया।
अब तक का सबसे बड़ा संकट
आईएटीए के प्रमुख Alexandre de Juniac के मुताबिक एयरलाइन इंडस्ट्री के सामने आया ये अब तक का सबसे बड़ा संकट है। उन्होंने सरकारों के लिए जल्दी कदम उठाने और लिक्विडिटी प्रदान करने की जरूरत बताई। आईएटीए ने इस को संकट देखते हुए चेतावनी देने में देर नहीं की और पिछले हफ्ते चेतावनी दी थी कि दुनिया की एयरलाइनों को बचाने के लिए 200 अरब डॉलर तक की आवश्यकता होगी। मंगलवार को इसने कहा कि कुछ सरकारें आगे बढ़ रही हैं, मगर तब भी ये जरूरतों को पूरा करने के लिए यह काफी नहीं है।
27 लाख रोजगार दांव पर लगे
Juniac के अनुसार 27 लाख एयरलाइन नौकरियां दांव पर लग गई हैं, जो ट्रेवल और टूरिज्म वैल्यू चेन में दांव पर लगी नौकरियों के मुकाबले 24 गुना है। उन्होंने कहा कि हमें यह समझने की आवश्यकता है कि तत्काल राहत के बिना, कई एयरलाइंस रिकवरी करने के आसपास तक नहीं पहुंच पाएंगी। उन्होंने साफ कहा कि हमें पैसों की जरूरत है।
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