मंदी की आहट : दुनियाभर में बदल रहा लोगों की खरीदारी का तरीका
नई दिल्ली, जुलाई 27। इस समय सभी देशों के बाजार की स्थिती स्थिर नहीं है। उपभोगकर्ताओं का रवैया वैश्विक बाजार में मंदी का संकेत दे रहा है। कई पश्चिमी देशों में दुकानदारों ने रिकॉर्ड मुद्रास्फीति के कारण गैर जरूरी समानों का ऑर्डर देना बंद कर दिया है। लोग भोजन, ब्लीच और सस्ती बुनियादी चीजें खरीदने पर जोर दे रहे हैं। बैंको की भी स्थिती खराब ही हैं, लोगों ने लेनदेन करना कम कर दिया है।
Cryptocurrency : आज सिर्फ एक करेंसी करा रही फायदा, जानिए नाम
अर्थव्यवस्था मंदी की ओर बढ़ रही है
विश्व की अर्थव्यवस्था मंदी की ओर बढ़ रही है। विश्व भर के निवेशक दूसरी तिमाही में कॉर्पोरेट के परिणामों पर ध्यान लगाए बैठे है। लेकिन अभी तक निवेशक बाजार की स्थिती को लेकर कोई अनुमान नहीं लगा पा रहे हैं क्योंकि उपभोक्ता मिले-जुले संकेत दे रहे हैं। आम लोगों ने बाजार के गैर जरूरी चीजों से मुह मोड़ लिया है। तेल और खाद्य समानों के बढ़ते दामों से यहीं लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। वालमार्ट के अनुसार अमेरिका के कम आय वाले लोगों ने कपड़े और खेल के सामान से मुह मोड़ लिया है और केवल भोजन और अन्य आवश्यक चीजें खरीद रहे हैं।
गैर जरूरी चीजें नहीं खरीद रहे हैं लोग
पिछले कुछ महीने के नतीजे बताते हैं कि अमेरिकी और अन्य पश्चिमी देशो के उपभोक्ता अब खरीदारी के मुख्य तत्व पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। यही कारण है कि बाजार में मुद्रास्फीति की स्थिती बन रही है। उच्च मुद्रास्फीति और बढ़ती ब्याज दरों के बारे में लगातार चिंताओं के बीच जुलाई में भी उपभोक्ताओं ने बाजार में पैसे खर्च शुरू किया हैइ। बाजार में लग्जरी समानों की बिक्री सिमित हो गई है।
कोविड और रूस- यूक्रेन युद्ध ने किया प्रभावित
2020 और 2021 में कोरोना प्रभावो के कारण विश्व की अर्थव्यवस्था टूट गई थी, साल 2022 में प्रतिबंधो के हटने के बाद विश्व की अर्थव्यवस्था पटरी पर आती दिख रही थी कि यूक्रेन और रुस के बिच संघर्ष शुरू हो गया। सप्लाईचेन टूटने से जरूरी समानों और तेल की आपूर्ती पर असर हुआ और अर्थव्यवस्था को चाल मिलना बंद हो गया।
स्टॉक मार्केट में है अस्थिरता
विश्वभर के स्टॉक मार्केट में लागातार उठापटक जारी है। बात भारत की करें तो बड़े स्टॉक भी पिछले तीन महीनों से रिटर्न नहीं दे पाए हैं।