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Tax Planning के बिना फाइनेंशियल प्लानिंग करना है मुश्किल, जानिए क्यों

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Financial Plannning: फाइनेंशियल प्लानिंग करते सयम हमें टैक्स पर विचार जरूर करना चाहिए। फाइनेंशियल प्लानिंग लॉन्ग टर्म हो या शॉर्ट टर्म अधिकांश लोग फाइनेंशियल प्लानिंग करते समय टैक्स को भूल जाते हैं। यह जरूर ध्यान रखना चाहिए की टैक्स प्लानिंग सामान्य रूप से आपकी वित्तीय योजना का एक जरूरी अंग होना चाहिए। आज हम यहां चर्चा करेंगे कि भारत में नागरिकों के लिए उपलब्ध तमाम टैक्स-बचत निवेशों और विकल्पों का उपयोग करके आप अपने लिए टैक्स बचत करने की योजना कैसे बना सकते हैं।

Tax Planning के बिना फाइनेंशियल प्लानिंग करना है मुश्किल

हम में से अधिकांश लोग टैक्स सेविंग के लिए बीमा पॉलिसी या टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड में निवे या पीपीएफ खाता खोलने के विषय में जानते हैं। यह बात सही है कि यह सभी विकल्प टैक्स बचाने के शानदार तरीके हैं। लेकिन बिना उचित योजना के निवेश करना आपको टैक्स बचाने से रोकता है।

टैक्स बचत करने पर दे ध्यान

अधिकांश कर्मचार धारा 80C, 80D, 80E, आदि के तहत कवर किए गए टॉप टैक्स सेविंग विकल्पों के बारे में जानते हैं। लेकिन कई बार अच्छी प्लानिंग न होने की वजह से टैक्स बचत करमें में असफल रहते हैं। प्लानिंग न होने की वजह से टैक्स प्लानिंग एक स्टैंडअलोन गतिविधि बन जाती है, जिसके बाद टैक्स बचत कर पाना मुश्किल हो जाता है। मान लीजिए कि आपकी सालाना आय 5 लाख रुपये है और आप इसमें से 40 प्रतिशत यानी की 2 लाख रुपये बचत या निवेश करने के लिए बचाना चाहते हैं। यदि आप आम तौर पर अप्रैल में वर्ष की शुरुआत में अपने वित्त की योजना बनाते हैं, तो आप टैक्स बचत करने की चिंता करे बिना इक्विटी, डेट, सोना, अचल संपत्ति और अन्य विकल्पों में अपने 2 लाख रुपए निवेश कर देंगे। लेकिन, यहीं आप गलत हो जाते हैं। जब फाइलिंग का समय आता है तो आप फरवरी या मार्च में अपना आईटी रिटर्न तैयार करना शुरू करते हैं, तब आप को महसूस होता है कि आपके निवेश का कोई भी हिस्सा टैक्स बचाने में योगदान नहीं दे रहा है। फिर, आप अधिक से अधिक कटौती का लाभ उठाने के लिए टैक्स-सेविंग वेन्यू में निवेश करने की कोशिश करेंगे लेकिन, समस्या यह है कि आपके पास निवेश करने के लिए कोई फंड नहीं बचा होगा। यहां आप टैक्स बचत प्लानिंग में चूक जाते हैं। इस लिए फाइनेंशियल प्लानिंग के साथ टैक्स प्लानिंग का होना बहुत जरूरी है।

Tax Planning के बिना फाइनेंशियल प्लानिंग करना है मुश्किल

टैक्स सेव करने के प्लानिंग का यह है तरीका

यह बिल्कुल सरल है। फाइनेंसियल प्लानिंग करते समय केवल करों पर विचार करें। SIP (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) शुरू करने के लिए एक ऐसे विकल्प को चुने जिसमें हाई रिटर्ने के साथ टैक्स सेविंग की सुविधा उपलब्ध हो। शुरुआत करने के लिए,आपको केवल बीमा पॉलिसियों और कुछ बचत योजनाओं के बारे में नहीं बल्कि टैक्स बचाने के सभी तरीकों के बारे में पता होना चाहिए। टैक्स बचाने के कई तरीके हैं, जिनमें सुकन्या समृद्धि, पीपीएफ, ईपीएफ और अन्य तमाम योजनाएं शामिल हैं। क्या आप जानते हैं कि आपके बच्चे की शिक्षा/स्कूल की फीस भी कर कटौती के लिए योग्य हो सकती है और क्या आप जातने हैं जो रेंट आप भरते हैं वह भी टैक्स कटौती के योग्य है। यदि आप हाई रिटर्न के साथ टैक्स सेविंग विकल्प की तलाश में हैं, तो आप एनपीएस (राष्ट्रीय पेंशन योजना) या ईएलएसएस (इक्विटी-लिंक्ड सेविंग स्कीम) में निवेश पर विचार कर सकते हैं। सभी प्रकार के कर-बचत विकल्पों के बारे में जरूर पढ़े और उसपर विचार करें।

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English summary

how to do tax saving planning know details

We must consider taxes while doing financial planning. Financial planning is long term or short term most of the people forget tax while doing financial planning.
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