शादी के मौके पर कितना GOLD खरीद सकते हैं आप, जान लें वरना ज्यादा हुआ तो आ सकता है नोटिस
सोने-चांदी के दाम में हर रोज एक नया रिकॉर्ड बन रहा है। संकट के इस दौर में सोने में निवेश का चलन बढ़ा है। इसके साथ ही देखा गया हैं कि भारत में काफी लोग सोना शौक के तौर पर घर में भी रखते हैं।
नई दिल्ली, अप्रैल 17। सोने-चांदी के दाम में हर रोज एक नया रिकॉर्ड बन रहा है। संकट के इस दौर में सोने में निवेश का चलन बढ़ा है। इसके साथ ही देखा गया हैं कि भारत में काफी लोग सोना शौक के तौर पर घर में भी रखते हैं। सोने को लेकर भारतीयों के लगाव के कारण ही हर साल देश में बहुत बड़ी मात्रा में सोने का आयात किया जाता है। दूसरी तरफ शादियों का सीजन शुरू हो गया है। शादी के लिए सोने की जमकर खरीददारी भी होती है। भारत शादी में सोने का विशेष महत्व है। लड़की और लड़के के पक्ष के लोग शादी के लिए विशेष तौर पर सोने की खरीददारी करते है। लेकिन क्या आप जानते है कि आप कितनी मात्रा में सोना घर में रख सकते हैं। मालूम हो कि घर में रखा सोना पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की नजर रहती है। अगर आप तय मात्रा से ज्यादा सोना रखते है तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट जब्त कर सकता है।
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कितना सोना रख सकते है आप
कितना सोना खरीद सकते हैं ये आपके लिए जानना बेहद जरूरी है, वरना आपके पास आयकर विभाग से नोटिस आ सकता है। इनकम टैक्स एक्ट में शादीशुदा और अविवाहित महिला के पास कितना सोना रह सकता है, इसका उल्लेख किया गया है। बता दें कि अगर इससे अधिक सोना पाया जाता है तो अधिकारी तलाशी के दौरान इन्हें जब्त कर सकते हैं। इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 132 के मुताबिक, एक शादीशुदा महिला 500 ग्राम सोना अपने पास रख सकती है। जबकि अविवाहित महिलाओं के लिए अधिकतम सीमा 250 ग्राम की है। वहीं पुरुष अपने पास 100 ग्राम सोना रख सकते हैं। लेकिन अगर इससे अधिक पाए जाने पर कानून के तहत कार्रवाई हो सकती है। बता दें कि इसके लिए कुछ शर्तें भी हैं।
सोना रखने के ये हैं शर्तें
अगर आप ज्वेलरी के रूप में सोना रखते हैं तो इसके लिए कोई अधिकतम सीमा नहीं है। हालांकि आपको खरीद में इस्तेमाल हुए पैसे की कमाई का जरिया बताना होगा। वहीं अगर आपके पास सोना सिक्के या बार की शक्ल में और शख्स आईटी रिटर्न नहीं फाइल करता हो तो कार्रवाई हो सकती है। विरासत में मिली ज्वेलरी के लिए आपको वसीयत दिखानी होगी। इसके अलावा अगर आप सोने की खरीददारी करते हैं तो आप रसीद जरूर लीजिए। वहीं तय सीमा तक का छूट प्राप्त करने के लिए आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना जरूरी है।
गिफ्ट में मिले गोल्ड की रसीद भी अनिवार्य
इस बात से भी आपको अवगत करा दें कि अगर किसी को उपहार या विरासत में सोना मिला है तो उसे गोल्ड गिफ्ट करने वाले व्यक्ति के नाम की रसीद समेत अन्य विवरण देना होगा। वहीं अगर वसीयत या विरासत में सोना मिला है तो फैमिली सेटलमेंट एग्रीमेंट, वसीयत या गोल्ड तोहफे के रूप में ट्रांसफर करने का एग्रीमेंट प्रूफ के तौर पर पेश करना होगा। अगर किसी व्यक्ति की कर योग्य सालाना आय 50 लाख रुपये से ज्यादा है तो उसे आभूषणों और उनकी वैल्यू का ब्यौरा आयकर रिटर्न में देना होगा। बता दें कि इनकम टैक्स रिटर्न में आभूषणों की घोषित वैल्यू और उनकी वास्तविक वैल्यू में कोई अंतर न हो। अगर ऐसा हुआ तो व्यक्ति को इस अंतर का कारण बताना होगा।
गोल्ड पर टैक्स का गणित भी जान लें
= शादी में मिले सोने पर कोई टैक्स नहीं लगता।
= गोल्ड चाहे रिश्तेदारों से मिला हो या दोस्तों से टैक्सेबल नहीं।
= शादी में मिले गोल्ड को बेचने पर टैक्स के नियम है।
= शादी में मिले गोल्ड के बेचने पर कैपिटल गेन टैक्स लगेगा।
= गोल्ड तीन साल से पहले बेचा तो शार्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स।
= तीन साल के बाद बेचा तो लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा।
= पुराने गहने को देकर नयी ज्वेलरी उसी गोल्ड से बनवाई तो टैक्स नहीं।
= पुरानी ज्वेलरी के बदले नई ज्वेलरी पर टैक्स देना पड़ेगा।