कैसे होती है घर-प्लॉट की रजिस्ट्री, बेहद जरूरी है ये जानकारी
नई दिल्ली, सितंबर 19। जीवन मे सभी लोगों के लिए संपत्ती का होना बहुत ही महत्वपूर्ण है। सभी लोग अपनी संपत्ती में इजाफा करना चाहते हैं और इसलिए अपनी मेहनत की कमाई से नई संपत्ती को खरीदने पर जोड़ देते हैं। ऐसे में यह जानकारी सबके पास होनी चाहिए कि संपत्ती खरीदने की पूरी कानूनी प्रक्रिया क्या है। जमीन खरिदने की सबसे महत्वपूर्ण प्रक्रिया है रजिस्ट्री, आज हम आपकों रजिस्ट्री के विषय में बताएंगे।
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क्या होती है रजिस्ट्री
जमिन की रजिस्ट्री एक ऐसी प्रिक्रिया है जिसके तहत जमिन का मालिकाना हक बदलता है। मतलब कि रिजिस्ट्री के माध्यम से ही एक जमिन का मालिक अपनी जमिन दूसरे मालिक को ट्रांसफर करता है। जमिन खरीदने की यह सबसे महत्वपूर्ण प्रक्रिया है।
रजिस्ट्री की प्रक्रिया
रजिस्ट्री से पहले कुछ प्रक्रियाएं होती है। इनमें सबसे पहली प्रक्रिया है, बाजार मूल्य के अनुसार संपत्ती का मूल्य निर्धारित करना। संपत्ती का सरकारी मापदंडों के अनुसार बाजार मूल्य जानना बहुत जरूरी होता है। बाजार मूल्य तय होने के बाद स्टांप ड्यूटी देने के बारी आती है, मतलब कि स्टांप खरीदने होते हैं, जमिन की रजिस्ट्री कराने में इन स्टांप की जरूरत पड़ती है। स्टांप की कीमत राज्य के लिए अलग-अलग हो सकती है। स्टांप ड्यूटी संपत्ती के मालिकाना हक के लिए एक सबुत होती है। इसके बाद आपको जमीन खरीदने और बेचने संबंधित कागजात बनवाने होते हैं। इसमें बेचने संबंधित जानकारी लिखि होती है।
सबसे अंतिम प्रक्रिया है रजिस्ट्री
सबसे आखिरी में संपत्ती खरीदने और बेचन वाले व्यक्ति एक साथ रजिस्ट्री के लिए रजिस्ट्रार कार्यालय में जाते हैं। संपत्ती खरीद बिक्री के लिए दो गवाह की भी जररूत होती है। रजिस्ट्रार कार्यालय में संपत्ती से जुड़े कागजात के अलावाा दोनो व्य्क्तियों के पहचान संबंधित कागजात भी दिखाने होते हैं। इसके बाद रजिस्ट्री की प्रक्रिया रजिस्ट्रार के मंजूरी के बाद पूरी हो जाती है। संपत्ती खरीदने वाले व्यक्ति को कागजातों को संभाल के रखना चाहिए।