घर खरीदारों के लिए खुशखबरी, इन 2 बैंकों ने घटायी ब्याज दरें
कार और घर खरीदने का सोच रहे तो आपके लिए अच्छी खबर है। ज्यादातर बैंकों की ब्याज दरें 7 परसेंट से कम हैं। लंबे समय से बैंकों ने ब्याज दरें बढ़ाने की बजाय घटाई हैं।
नई दिल्ली: कार और घर खरीदने का सोच रहे तो आपके लिए अच्छी खबर है। ज्यादातर बैंकों की ब्याज दरें 7 परसेंट से कम हैं। लंबे समय से बैंकों ने ब्याज दरें बढ़ाने की बजाय घटाई हैं। देश के दो बड़े बैंकों एचडीएफसी बैंक और केनरा बैंक ने अपने एमसीएलआर में कटौती की है। इस कटौती के बाद इन बैंकों का लोन सस्ता हो जाएगा। तो अगर आपका खाता एचडीएफसी बैंक और केनरा बैंक में है तो आपके लिए अच्छी खबर है। बता दें कि बैंक की वेबसाइट के मुताबिक, बैंक की नई दरें 8 फरवरी से लागू हैं।
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एचडीएफसी बैंक ने लोन सस्ता किया
एचडीएफसी बैंक ने अपने मार्जिनल कोस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (एमसीएलआर) में बदलाव किया है। एचडीएफसी बैंक की ओवरनाइट एमसीएलआर 6.85 फीसदी है। वहीं, एक महीने की अवधि के लिए रेट 6.9 फीसदी है। वहीं, बैंक की तीन महीने के लिए एमसीएलआर 6.95 परसेंट है। बैंक की एमसीएलआर 6 महीने की अवधि के लिए 7.05 फीसदी है। बैंक में 1 साल की अवधि के लिए यह रेट 7.2 फीसदी है। बैंक की 2 साल के लिए एमसीएलआर 7.3 फीसदी है। वहीं, एचडीएफसी बैंक की एमसीएलआर 3 साल की अवधि के लिए 7.4 फीसदी है।
केनरा बैंक ने एमसीएलआर घटाया
बात करें केनरा बैंक कि तो एक दिन और एक महीने की अवधि के लिए मार्जिनल कोस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (एमसीएलआर) में 0.1 फीसदी की कटौती की है। बैंक ने सोमवार को एक बयान में बताया कि ओवरनाइट और एक महीने के लिए एमसीएलआर अब 6.7 फीसदी है। इसके अलावा तीन महीने के लिए एमसीएलआर 6.95 फीसदी, छह महीने के लिए एमसीएलआर 7.30 फीसदी और एक साल के लिए एमसीएलआर 7.35 फीसदी है। केनरा बैंक की ओर से बताया गया है कि रेपो लिंक रेट (आरएलएलआर) 6.90 परसेंट ही है, इसमें कोई बदलाव नहीं है।
एमसीएलआर क्या है
बैंकों द्वारा एमसीएलआर बढ़ाए या घटाए जाने का असर नए लोन लेने वालों के अलावा उन ग्राहकों पर पड़ता है, जिन्होंने अप्रैल 2016 के बाद लोन लिया हो। दरअसल अप्रैल 2016 से पहले रिजर्व बैंक द्वारा लोन देने के लिए तय मिनिमम रेट बेस रेट कहलाती थी। यानी बैंक इससे कम दर पर कस्टमर्स को लोन नहीं दे सकते थे। 1 अप्रैल 2016 से बैंकिंग सिस्टम में एमसीएलआर लागू हो गया और यह लोन के लिए मिनिमम दर बन गई। यानी उसके बाद एमसीएलआर के आधार पर ही लोन दिया जाने लगा।