लगातार महंगे होते Petrol के बीच कच्चे तेल के आयात में ऐतिहासिक गिरावट
नयी दिल्ली। शनिवार को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार 14वें दिन बढ़ोतरी दर्ज की गई। लगातार 14वें दिन हुई बढ़ोतरी से पेट्रोल 7.60 रुपए प्रति लीटर और डीजल 8.28 रुपए प्रति लीटर महंगा हुआ है। दिल्ली में आज पेट्रोल 51 पैसे महंगा होकर 78.88 रु प्रति लीटर और डीजल 61 पैसे की बढ़ोतरी के साथ 77.67 रु प्रति लीटर पर पहुंच गया। एक तरफ पेट्रोल-डीजल लगातार बढ़ रहे हैं वहीं दूसरी तरफ मई में भारत के कच्चे तेल के आयात में ऐतिहासिक रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई है। मई 2019 के मुकाबले इस साल समान महीने में देश के कच्चे तेल के आयात में 22.6 फीसदी की गिरावट आई है, जो 2005 के बाद सबसे बड़ी गिरावट आई है।
कितना हुआ आयात
पिछले महीने कच्चे तेल का आयात गिर कर 14.61 मिलियन टन रह गया, जो 2015 के बाद सबसे है। साल-दर-साल आधार पर तेल उत्पादों का आयात 0.8 प्रतिशत घटकर 3.57 मिलियन टन रहा, जबकि निर्यात 5.9 प्रतिशत बढ़कर 5.75 मिलियन टन पहुंच गया। निर्यात में लगातार 9वें महीने बढ़ोतरी दर्ज की गई। दरअसल भारत में मांग में गिरावट के कारण कंपनियां अधिक उत्पाद निर्यात कर रही हैं। लॉकडाउन से मांग पर काफी प्रभाव पड़ा है, जबकि कंपनियों के रिफाइनरी प्रोडक्शन में भी गिरावट आई है।
मांग में हुआ है सुधार
भारत में कम जोखिम वाले क्षेत्रों में कोरोनोवायरस के चलते लगाए गए प्रतिबंधों में ढील दी गई है, जिससे मांग में सुधार और कच्चे तेल की प्रोसेसिंग में इजाफे की उम्मीद है। ताजा आंकड़ों ने भारत में ईंधन मांग में बढ़ोतरी की उम्मीदों में भी वृद्धि की है। दरअसल अप्रैल के मुकाबले मई में ये लगभग 50 प्रतिशत बढ़ी, जिसे आर्थिक गतिविधियों के धीमी गति से ही सही मगर पटरी पर लौटने का संकेत माना जा रहा है।
डीजल निर्यात में इजाफा
डीजल निर्यात, जो एक्सपोर्ट का बड़ा हिस्सा रहा, लगभग 33 प्रतिशत बढ़कर 2.79 मिलियन टन हो गया। वैसे मई में लगातार तीसरे महीने देश के निर्यात में गिरावट दर्ज की गई। मुख्य रूप से पेट्रोलियम, वस्त्र, इंजीनियरिंग, रत्न और आभूषण जैसे प्रमुख सेगमेंट्स की शिपमेंट में गिरावट के चलते देश के निर्यात में कमी आई। पिछले महीने देश का निर्यात 36.47 प्रतिशत घट कर 19.05 अरब डॉलर पर आ गया। मई में आयात भी 51 प्रतिशत गिर कर 22.2 अरब डॉलर रह गया, जिससे व्यापार घाटा 3.15 अरब डॉलर गया। पिछले साल के इसी महीने में व्यापार घाटा 15.36 अरब डॉलर रहा था।
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