हिंदुस्तान यूनिलीवर का हुआ Horlicks, 3045 करोड़ रुपये का किया सौदा
नयी दिल्ली। देश की सबसे बड़ी कंज्यूमर गुड्स कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर ने भारतीय बाजार के लिए जीएसके पीएलसी से 3045 करोड़ रुपये के सौदे में हॉर्लिक्स ब्रांड को खरीद लिया है। इसने अपनी मूल कंपनी यूनिलीवर और जीएसके के बीच हुए समझौते का इस्तेमाल करते हुए हॉर्लिक्स का अधिग्रहण कर लिया है। इस सौदे का ऐलान दिसंबर 2018 में किया गया था, जिसके तहत यूनिलीवर ने इसे खरीदा था और भारत में इसका कारोबार करने के लिए हिंदुस्तान यूनिलीवर को रॉयलटी अदा करनी है। एचयूएल यानी हिंदुस्तान यूनिलीवर ने कहा है कि भारत के लिए लेटेस्ट सौदे से कंपनी को अपनी बैलेंस शीट में कैश का इस्तेमाल करने और शेयरधारकों के लिए वैल्यू क्रिएट करने में मदद मिलेगी।
जीएसके के साथ विलय हुआ पूरा
एचयूएल ने ये भी कहा है कि इसने ग्लैक्सोक्मिथक्लाइन (जीएसके) कंज्यूमर हेल्थकेयर के साथ 31700 करोड़ रुपये का विलय भी पूरा कर लिया है। इससे इन्हें आमदनी और लागत दोनों मामलों में महत्वपूर्ण तालमेल बनाने में मदद मिलेगी। जीएसके के अन्य ब्रांड, जिनमें बूस्ट, माल्टोवा और वीवा शामिल हैं, विलय योजना के तहत एचयूएल के पोर्टफोलियो में आ गए हैं। एचयूएल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक संजीव मेहता के मुताबिक विलय से हमें अपना उद्देश्य पूरा करने और भारत की सेवा करने का एक अनूठा अवसर मिला है। इससे सरकार के महत्वाकांक्षी स्वच्छ भारत और पोशन अभियान कार्यक्रमों को भी बल मिलेगा।
एचयूएल का फूड पोर्टफोलियो होगा मजबूत
जीएसके के विलय से एचयूएल के भोजन और जलपान पोर्टफोलियो को काफी मजबूती मिलेगी, जो इसके कुल कारोबार में 20 फीसदी हिस्सेदारी रखता है। जबकि इसके पोर्टफोलियो में नॉर सूप, किसान जैम, ब्रू कॉफी और लिप्टन चाय पहले से शामिल हैं। एचयूएल सूप, जैम और चाय जैसे प्रोडक्ट के बाजार में काफी आगे है, मगर ये कैटेगरी फूड प्रोडक्ट स्पेस के की तुलना में काफी छोटी हैं। हॉर्लिक्स, जिसकी माल्टेड बेवरेजेज कैटेगरी में आधे से अधिक हिस्सेदारी है, एचयूएल का ध्यान भारत में एक लाभदायक और स्थायी पोषण कारोबार बनाने में लगाएगा।
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