नोटबंदी जैसे हालात से निपटने के लिए बैंकों की शानदार तैयारी, आप भी जानिए
नयी दिल्ली। कोरोनावायरस महामारी के बीच भारी अनिश्चितता का मौहाल है। खाने-पीने की चीजों के साथ ही लोगों को अपने पैसों का भी ख्याल है। आपको बैंक ब्रांच या एटीएम से पैसे निकालने में दिक्कत न हो इसके लिए बैंकों ने खास तैयारी की है। बैंकों ने अपने नेटवर्क में 2.5-3 से गुना तक पैसा रखा हुआ है ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि एटीएम और ब्रांचों में पैसे की कोई कमी नहीं है। उदाहरण के लिए देश के दूसरे सबसे बड़े सरकारी बैंक पंजाब नेशनल बैंक के पास तीन गुना अधिक नकदी है। इसी तरह एचडीएफसी बैंक, जो निजी क्षेत्र का सबसे बड़ा बैंक है, ने अपने एटीएम में लगभग 50 फीसदी अधिक नकदी रखी हुई है।
कैसा है अन्य बैंकों का हाल
इकोनॉमिक टाइम्स में छपी रिपोर्ट के अनुसार एसबीआई के अधिकारियों ने यह भी कहा कि उन्होंने सिस्टम अधिक नकदी डाली। हालांकि उन्होंने इस पर कोई डिटेल नहीं दी है। एक अन्य शीर्ष प्राइवेट बैंक एक से डेढ़ के बजाय अब दो-ढाई से तीन दिन तक के लिए नकदी बनाए रख रहा है। एक बैंकर के मुताबिक सिस्टम लेवल पर एटीएम में राशि दो गुना से अधिक है जो आपको आमतौर पर मिलती है। कोई भी एटीएम ऐसा नहीं है जिसमें कैश न हो। इस तैयारी से बैंक नोटबंदी जैसी किसी स्थिति से बचना चाहते हैं, जो इस समय सोशल डिस्टेंसिंग के मद्देनजर जरूरी भी है।
वित्त मंत्रालय और आरबीआई की योजना
बैंकों के पास अधिक कैश हो ये योजना वित्त मंत्रालय और आरबीआई की रणनीति का एक हिस्सा है, जो लॉकडाउन शुरू होने के साथ ही तैयार की गई। इसका उद्देश्य सिस्टम में किसी भी तरह की समस्या से बचना था क्योंकि 2016 में नोटबंदी के बाद एटीएम कैश से खाली हो गए थे और ये बात लोगों के जहन में अभी ताजा है। योजना के तहत आरबीआई ने बैंकों को अधिक कैश दिया, जबकि वित्त मंत्रालय ने बैंक दर बैंक कैल्कुलेशन किया। नकदी पहुंचाने में कोई दिक्कत न हो इसके लिए गृह मंत्रालय ने मोर्चा संभाला।
सरकार से मिला भरपूर सहयोग
Security and Intelligence Services (एसआईएस) के मैनेजिंग डायरेक्टर ने कहा कि हमें सरकार से भरपूर समर्थन मिला है, जिससे हमें अधिक यात्रा करके यह सुनिश्चित करने में मदद मिली कि एटीएम कैश से खाली न हों। साथ ही यह भी जरूरी किया गया कि सिस्टम में बतौर आर्थिक मदद जन धन खाताधारकों के साथ-साथ किसानों, वरिष्ठों, विधवाओं और विकलांगों के लिए भी बड़ी मात्रा में नकदी जारी की जाए। इसके परिणामस्वरूप अप्रैल के पहले 10 दिनों के दौरान औसत से लगभग 1.5 गुना अधिक कैश निकाला गया।
लॉकडाउन ने बदली स्थिति
हालांकि लॉकडाउन ने एटीएम को जगहों के हिसाब से उसके इस्तेमाल को बदला है। इस समय आवासीय जगहों पर कैश की अधिक मांग है, जबकि पहले व्यापार डिस्ट्रिक्ट, हवाई अड्डे और रेलवे स्टेशन जैसी जगहों पर मांग अधिक थी। गरीब कल्याण योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी मात्रा में नकदी डाली जा रही है। इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट एंड सर्विसेज के संस्थापक के अनुसार सर्कुलेशन में करेंसी बढ़ेगी। इसकी छपाई को बढ़ाना है क्योंकि मुद्रा के रूप में नकदी का गति सबसे अधिक है।
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