सरकारी कर्मचारियों के लिए एक और बड़ी खुशखबरी, सीधे डबल होगी Salary
नई दिल्ली, मई 5। सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बहुत बड़ी खुशखबरी है। सरकारी कर्मचारियों की सैलेरी सीधे डबल हो सकती है। हालांकि सभी सरकारी कर्मचारियों की सैलेरी डबल नहीं होगी। बल्कि सिर्फ पंजाब के सरकारी कर्मचारियों को ही इसका फायदा मिलेगा। दरअसल पंजाब सरकार के 6वें वेतन आयोग ने सभी कर्मचारियों के वेतन में दो गुना वृद्धि की सिफारिश की है। पंजाब के सरकारी कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 6,950 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये प्रति माह किया जाएगा। पंजाब के सरकारी कर्मचारियों के लिए यह किसी तोहफे से कम नहीं है।
सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत, 1 जुलाई से बढ़ेगी सैलेरी
क्या है सिफारिश
आयोग ने वेतन और अन्य लाभों में अच्छी-खासी बढ़ोतरी का सुझाव दिया है और सरकारी कर्मचारियों के लिए भत्ते में भी बढ़ोतरी की सिफारिश की गयी है। कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में औसत वृद्धि 20 प्रतिशत की सीमा में होने की उम्मीद है। इससे पंजाब के पांचवें वेतन आयोग की सिफारश के मुकाबले सरकारी कर्मचारियों के वेतन में 2.59 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है।
वित्त विभाग के पास पहुंची रिपोर्ट
सैलेरी में बढ़ोतरीकी रिपोर्ट, जिसे पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को सौंपा गया थी, को हाल ही में वित्त विभाग के पास आगे के लिए भेजा गया है। बाकी अब आगे इसे कार्रवाई के लिए इस महीने राज्य के मंत्रिमंडल के सामने रखने के निर्देश दिए गए हैं। विधानसभा में सरकार की प्रतिबद्धता के अनुसार रिपोर्ट को इस साल 1 जुलाई से लागू किया जाना है। यानी 1 जुलाई से कर्मचारियों की सैलेरी बढ़ जाएगी।
फिक्स्ड मेडिकल अलाउंस होगा डबल
डीएनए की रिपोर्ट के अनुसार सीएम कार्यालय के एक प्रवक्ता के अनुसार रिपोर्ट में पेंशन और डीए (महंगाई भत्ता) में एक महत्वपूर्ण बढ़ोतरी प्रस्तावित की गई है, जबकि छठे वेतन आयोग द्वारा सुझाई गई योजना के तहत फिक्स्ड मेडिकल अलाउंस (निश्चित चिकित्सा भत्ता) और मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी को दोगुना करने की सिफारिश की गई है।
मिलेगा 20 लाख रु का फायदा
जबकि फिक्स्ड मेडिकल अलाउंस को कर्मचारियों के साथ-साथ समान रूप से पेंशनरों के लिए भी प्रति माह दोगुना कर 1,000 रुपये करने की सिफारिश की गई है, मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने का प्रस्ताव रखा गया है। वित्त विभाग आगे की कार्रवाई के लिए कैबिनेट को रिपोर्ट प्रस्तुत करने से पहले विभिन्न चीजों की जांच करेगा।
राज्य की इकोनॉमी दबाव में
यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब राज्य की अर्थव्यवस्था पहले से ही तनावग्रस्त है और कोविड-19 के बीच वित्तीय स्थिति अनिश्चितता है। साथ ही टैक्स भी नहीं बढ़ रहे हैं, जो राज्य की इनकम के लिए निगेटिव है।