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इस कंपनी में सरकार बेचेगी पूरी हिस्सेदारी, जानिए किसकी आई बारी

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नई दिल्ली, मई 25। एक और सरकारी कंपनी बिकने से संबंधित बड़ी खबर सामने आई है। हिंदुस्तान जिंक के शेयरों में बुधवार को जोरदार तेजी आई। ये तेजी मीडिया में आई उन खबरों के बाद देखने को मिली, जिनमें बताया गया कि कैबिनेट ने कंपनी में सरकार की पूरी हिस्सेदारी की बिक्री को मंजूरी दे दी है। सरकार हिंदुस्तान जिंक में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचेगी। इसके पास जिंक उत्पादक की 29.54 प्रतिशत हिस्सेदारी है। आज की स्थिति में इस हिस्सेदारी का मूल्य 39,385 करोड़ रुपये के आस-पास है। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद कंपनी का शेयर 7.61 फीसदी चढ़ कर 318 रुपये तक उछला।

दो और कंपनियों में हिस्सा बेच सकती है सरकार, इनका लगेगा नंबरदो और कंपनियों में हिस्सा बेच सकती है सरकार, इनका लगेगा नंबर

पहले भी बेची हिस्सेदारी

पहले भी बेची हिस्सेदारी

हिंदुस्तान जिंक में एक समय अधिकतम हिस्सेदारी सरकार की थी। सरकार ने 2002 में इस फर्म में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच दी थी, जिसे वेदांत समूह ने खरीदा था। वेदांत समूह ने बाद में कंपनी में अपनी हिस्सेदारी 64.92 प्रतिशत तक बढ़ाने के लिए और हिस्सेदारी हासिल कर ली।

क्या है सरकार का लक्ष्य

क्या है सरकार का लक्ष्य

बिक्री का मौजूदा कदम चालू वित्तीय वर्ष के लिए सरकार के विनिवेश उद्देश्यों का हिस्सा है। सरकार का आईटीसी में हिस्सेदारी बेचने का भी विचार है, जिसमें इसकी 7.91 फीसदी हिस्सेदारी है। ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) और विनिवेश की सीमा की डिटेल को अभी भी तैयार किया जा रहा है। ईटी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार को सितंबर तक प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद है।

ये है असल कारण

ये है असल कारण

पवन हंस, शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एससीआई), आईडीबीआई बैंक और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) की रणनीतिक बिक्री में देरी और भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के कम आईपीओ ने सरकार को विनिवेश लक्ष्य पूरा करने के लिए अन्य विकल्पों पर विचार करने को मजबूर किया है। सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए विनिवेश लक्ष्य 65,000 करोड़ रुपये रखा है। एलआईसी के आईपीओ से इस महीने की शुरुआत में सरकार ने करीब 20,560 करोड़ रुपये जुटाए।

बीपीसीएल भी बिकेगी

बीपीसीएल भी बिकेगी

बीपीसीएल की बिक्री की प्रोसेस को भू-राजनीतिक घटनाक्रमों के मद्देनजर रोक दिया गया है। का विनिवेश भी समय से पीछे चल रहा है, हालांकि सरकार को चालू वित्त वर्ष में इसकी ट्रांजेक्शन पूरा होने की उम्मीद है। बताते चलें कि सरकार गैर-प्रमुख संपत्तियों के अलग होने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद सितंबर तक शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एससीआई) के लिए फाइनेंशियल बिड आमंत्रित कर सकती है। रणनीतिक बिक्री प्रक्रिया के तहत सरकार शिपिंग हाउस और पुणे में प्रशिक्षण संस्थान और एससीआई की कुछ अन्य गैर-प्रमुख संपत्तियों को बंद कर रही है।

English summary

govt will sell its entire stake in hindustan zinc know full detail

Hindustan Zinc shares rose strongly on Wednesday. This increase was seen after media reports that said that the cabinet has approved the sale of the government's entire stake in the company.
Story first published: Wednesday, May 25, 2022, 16:54 [IST]
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