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LIC की कमान प्राइवेट हाथों में देगी सरकार, पॉलिसीधारकों पर क्या पड़ेगा असर, जानिए

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LIC की कमान प्राइवेट हाथों में देगी सरकार, जानिए तैयारी

LIC Chief Executive : एलआईसी देश की सबसे बड़ी बीमा और एक सरकारी कंपनी है। मगर अब केंद्र सरकार इसकी कमान प्राइवेट हाथों में देने पर विचार कर रही है। प्राइवेट हाथों में कमान देने का मतलब इसकी हिस्सेदारी में बिकवाली नहीं है, बल्कि मैनेजमेंट में प्राइवेट सेक्टर के अधिकारी की नियुक्ति शामिल है। केंद्र सरकार प्राइवेट सेक्टर के किसी प्रोफेश्नल को भारतीय जीवन बीमा निगम के पहले मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के तौर पर नियुक्त करना चाहती है। ऐसा इसलिए क्योंकि शेयर बाजार में निराशाजनक शुरुआत के बाद सरकार देश की सबसे बड़ी बीमाकर्ता को आधुनिक बनाना चाहती है।

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66 सालों में पहली बार होगा ऐसा

66 सालों में पहली बार होगा ऐसा

भारत की सबसी बड़ी बीमा कंपनी का नेतृत्व करने के लिए किसी प्राइवेट सेक्टर के व्यक्ति की नियुक्ति इसके 66 साल के इतिहास में पहली बार होगी। एलआईसी 41 लाख करोड़ (500.69 अरब डॉलर) की एसेट्स को मैनेज करती है। डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के अनुसार एक सरकारी अधिकारी के मुताबिक सरकार एलआईसी सीईओ की नियुक्ति के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया का विस्तार करने जा रही है। ऐसा इसलिए ताकि प्राइवेट सेक्टर के लोग भी इसके आवेदन कर सकें।

अभी कौन संभालता है एलआईसी को
सरकारी अधिकारियों के मुताबिक अभी एलआईसी को एक चेयरमैन के नेतृत्व में मैनेज किया जाता है। अब इस पद को मार्च में समाप्त होने पर खत्म कर दिया जाएगा। उसके बाद सरकार प्राइवेट सेक्टर से एलआईसी के लिए एक सीईओ नियुक्त करेगी। इसे लागू करने के लिए पिछले साल एलआईसी को शासित करने वाले कानून में बदलाव किए गए थे।

शेयरधारकों के लिए बेहतर

शेयरधारकों के लिए बेहतर

माना जा रहा है कि इस कदम से एलआईसी के नेतृत्व के तौर पर अधिक विकल्प मिलेंगे। साथ ही यह शेयरधारकों के लिए अच्छा होगा। अभी यह साफ नहीं है कि सीईओ को किस सेक्टर से नियुक्त किया जाएगा।

शेयर में गिरावट

शेयर में गिरावट

एलआईसी का शेयर पिछले साल मई में लिस्ट हुआ था। उसके बाद से कंपनी के शेयर की कीमतों में काफी गिरावट आई है। जिस कीमत पर एलआईसी के शेयर जारी किए गए थे, आज के समय में इसका शेयर उस भाव से करीब 30 फीसदी कम पर ट्रेड कर रहा है। इससे निवेशकों की संपत्ति में लगभग 2 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आई है। जानकार मान रहे हैं कि सरकार यह कदम बिल्कुल नुकसान वाला नहीं है, बल्कि यह पूरी तरह से समझदारी भरा कदम है।

पहले भी लिया गया ऐसा फैसला

पहले भी लिया गया ऐसा फैसला

पहले सरकार इस पर विचार कर रही थी कि क्या कानून में और बदलाव की आवश्यकता है और क्या सरकार प्राइवेट सेक्टर के बराबर सैलेरी की पेशकश कर पाएगी? बता दें कि प्राइवेट कंपनियां आम तौर पर पब्लिक कंपनियों के मुकाबले काफी अधिक भुगतान करती हैं। जहां तक सरकारी कंपनी में प्राइवेट सेक्टर के किसी व्यक्ति को नेतृत्व सौंपने का सवाल है तो सरकार पहले भी ऐसा कर चुकी है। अन्य सरकारी संस्थाओं भी ऐसा हुआ है, जैसे कि बैंकों में। एक अन्य खबर के मुताबिक जीवन बीमा उद्योग के लिए नई व्यावसायिक प्रीमियम आय नवंबर के लिए 30.47% सालाना वृद्धि के साथ 35,458.80 करोड़ रुपये हो गई, जो भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के लिए 50.51% की मजबूत है।

English summary

govt will give command of LIC in private hands know about effect on policyholders

The appointment of a private sector person to head India's largest insurance company will be the first time in its 66-year history.
Story first published: Thursday, December 8, 2022, 15:17 [IST]
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