सरकार ने किया ग्रामीण बैंकों के लिए 1340 करोड़ रु की आर्थिक मदद का ऐलान
नयी दिल्ली। सरकार ने ग्रामीण बैंकों के लिए 1340 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद का ऐलान किया है। ये पैसा बैंकों में बतौर रिकैपिटलाइजेशन डाला जाएगा। इस पूंजी के जरिए सरकार का उद्देश्य ग्रामीण बैंकों का पूंजी पर्याप्तता अनुपात या सीआरएआर बेहतर करना है। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने इस प्रस्ताव को हरी झंडी दिखा दी। आज केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कैबिनेट ने इस योजना के लिए केंद्र सरकार के हिस्से के रूप में 670 करोड़ रुपये की राशि को मंजूरी दे दी। साथ ही सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कैबिनेट ने गारमेंट्स और तैयार सामान के निर्यात पर राज्य और केंद्रीय टैक्सों और लेवी की छूट के विस्तार को मंजूरी दे दी। ये छूट 1 अप्रैल से तब तक जारी रहेगी जब तक इस योजना का निर्यात उत्पादों पर शुल्क और कर की छूट के साथ विलय नहीं होता।
गरीबों के मिलेगा सस्ता राशन
कोरोना के कारण लॉकडाउन के चलते उन्होंने ये भी कहा कि गरीबी रेखा से नीचे के लोगों को 2 रुपये प्रति किलो की दर से गेहूं दिया जाएगा। बता दें कि देश के 80 करोड़ लोगों को अगले तीन महीनों तक रियायती दरों पर चावल और गेहूं मिलेगा। इनमें चावल का दाम सिर्फ 3 रुपये प्रति किलो होगा। जावड़ेकर के अनुसार केंद्र सरकार देश के 80 करोड़ लोगों को प्रति व्यक्ति हर महीने 7 किलो राशन देगी। सरकार की तरफ से 3 महीने के लिए एडवांस राशन दिया जाएगा। सरकार इस योजना पर 1 लाख 80 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी।
15000 करोड़ रु के राहत पैकेज का ऐलान
इससे पहले मंगलवार रात देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 दिनों तक पूरे देश में लॉकडाउन का ऐलान किया। साथ ही उन्होंने कोरोनावायरस से निपटने के लिए 15000 करोड़ रुपये के राहत पैकेज का भी ऐलान किया। लॉकडाउन के दौरान आवश्यक सेवाओं की सभी दुकानें हर दिन खुली रहेंगी, जिनमें दूध, पशुचारा और राशन शामिल है। इस बात की जानकारी आज प्रकाश जावड़ेकर ने भी दी।
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