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Air India में पूरी हिस्सेदारी बेचेगी सरकार, निवेशकों से मांगी बोलियां

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नयी दिल्ली। सरकार घाटे में चल रही एयर इंडिया में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में है। सरकार ने एयर इंडिया के विनिवेश के लिए निवेशकों से बोली मांगी है। एयर इंडिया के अलावा इसकी सब्सिडरी एयर इंडिया एक्सप्रेस और जॉइंट वेंचर एसएटीएस एयरपोर्ट सर्विस में भी विनिवेश किया जायेगा। निवेश विभाग और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग द्वारा जारी बोली दस्तावेज के मुताबिक बोलियां जमा करने की अंतिम तिथि 17 मार्च है और योग्य बोलीदाताओं के नाम 31 मार्च को घोषित किये जायेंगे। एयर इंडिया और सब्सिडरी कंपनी एयर इंडिया एक्सप्रेस में इस समय सरकार की 100 फीसदी हिस्सेदारी है। वहीं जॉइंट वेंचर एसएटीएस एयरपोर्ट सर्विस में एयर इंडिया की साझेदार सिंगापुर एयरपोर्ट टर्मिनल सर्विसेज है।

Air India में पूरी हिस्सेदारी बेचेगी सरकार, मांगी बोलियां

दूसरी बार हो रहा प्रयास
बता दें कि एयर इंडिया में हिस्सेदारी बेचने की केंद्र सरकार की यह दूसरी कोशिश है, जो लंबे समय से घाटे में चल रही है। इससे पहले 2018 में मोदी सरकार ने एयर इंडिया की 76 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए आवेदन मांगे थे। मगर उस समय सरकार को एयर इंडिया का एक भी खरीदार नहीं मिला था। एयर इंडिया की भारत के एविएशन सेक्टर यानी हवाई यात्रा सेवा में 12.7 फीसदी हिस्सेदारी है। कंपनी ने 2019 में 1.83 करोड़ यात्रियों को हवाई सफर करवाया।

1 दशक में 69,575.64 करोड़ रु का घाटा
एयर इंडिया को पिछले 10 सालों में कुल मिला कर 69,575.64 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। इस बात की जानकारी उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पूरी ने दिसंबर में संसद में दी थी। वहीं 207-18 में एयर इंडिया को 5438.18 करोड़ रुपये और 2018-19 में 8556.35 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। एयर इंडिया पर करीब 60,000 करोड़ रुपये का कर्ज है। एक अधिकारी ने कहा था कि अगर जून 2020 तक कोई निवेशक एयर इंडिया को न खरीदे तो इसका हश्र जेट एयरवेज जैसा हो सकता है। सरकार के मुताबिक एयर इंडिया में 2011-12 से दिसंबर 2019 तक 30,520.21 करोड़ रुपये लगाये गये हैं।

यह भी पढ़ें - एयर इंडिया पर लटकी तलवार, खरीदार न मिलने पर हो जायेगी बंद

English summary

Government will sell entire stake in Air India bids sought from investors

This is the central government's second attempt to sell a stake in Air India, which has been incurring losses for a long time. Earlier in 2018, the Modi government had sought applications to sell 76 per cent stake in Air India.
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