वोडा-आइडिया के डूबने पर जानें सरकार को कितना होगा नुकसान
भारत में गंभीर आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन-आइडिया। ऐसी हालत में कंपनी भारत में लंबे समय से बेहद चुनौतीपूर्ण दौर में है
नई दिल्ली: भारत में गंभीर आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन-आइडिया। ऐसी हालत में कंपनी भारत में लंबे समय से बेहद चुनौतीपूर्ण दौर में है, और सरकार से आर्थिक मदद चाह रही है। जानकारी दें कि वोडाफोन आइडिया के करीब 30 करोड़ ग्राहक हैं। जो कि बाजार के आकार के हिसाब से 30 फीसदी हैं। इस तरह अगर कंपनी भारत में कारोबार बंद करती है, तो असर न सिर्फ ग्राहकों पर पड़ेगा। बल्कि केंद्र सरकार को भी करीब 2 लाख करोड़ रुपए का नुकसान होगा। पड़ेगी महंगी कॉल की मार: एयरटेल और वोडा बढ़ाने जा रही हैं रेट ये भी पढ़ें
सुप्रीम कोर्ट ने 44,000 करोड़ रु बकाया अदा करने का दिया था निर्देश
जानकारी दें कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने 24 अक्टूबर को एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) के तौर पर दूरसंचार विभाग (डीओटी) को 44,000 करोड़ रुपए बकाया अदा करने का निर्देश दिया था। जिसमें लाइसेंस फीस और स्पेक्ट्रम यूजेज चार्ज (एसयूसी) शामिल हैं। इसी अनुमान के तहत वोडाफोन-आइडिया को साल 2031 तक स्पेक्ट्रम इंस्टॉलमेंट और अन्य चार्ज के 1,57,750 रुपए सरकार को देने होंगे, जबकि 5,712 करोड़ रुपए कंपनी को वन टाइम स्पेक्ट्रम के देने हैं, जिस पर फिलहाल विवाद चल रहा है।
कुल 4,70,825 करोड़ की देनदारी
बता दें कि सरकार को एजीआर, लंबित इंस्टालमेंट और वन टाइम स्पेक्ट्रम चार्ज (ओटीएससी) के तौर पर करीब 4,70,825 करोड़ रुपए मिलने हैं। इसमें से वोडाफोन-आइडिया की ओर से मिलने वाले पैसों पर आर्थिक संकट बरकरार है, जबकि एयरटेल और रिलायंस जिओ पैसों की देनदारी करने को राजी हैं। इसके अलावा रिलायंस कम्यूनिकेशन और एयरसेल दिवालियापन की प्रक्रिया से गुजर रही हैं।
इन कंपनियों पर इतना बकाया
वोडाफो-आइडिया - 2,07,462 करोड़ रुपए
भारतीय एयरटेल - 1,09,710 करोड़ रुपए
रिलायंस जियो - 44,000 करोड़ रुपए
रिलायंस कम्यूनिकेशन - 35,068 करोड़ रुपए
एयरसेल - 12, 560 करोड़ रुपए
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