सरकारी योजना : मछली पालन से कमाएं लाखों, नहीं रहेगी नौकरी की टेंशन
Government Scheme : आजकल खेती-किसानी के लिए कई सारी नई-नई तकनीकें आने लगी हैं। किसान इन तकनीकों का इस्तेमाल करके खेती कर रहे हैं और एक बेहतर मुनाफा कमा रहे है। इधर किसानों के बीच एक और चलन काफी अधिक बढ़ गया है। वो ये कि किसान अनुदान पर खेतों में तालाब खुदवा रहे है और मछली पालन कर रहे है। इसके लिए सरकार भी किसान को लगातार प्रोत्साहित कर रही है। इस वजह से किसानों में मुनाफे में लगातार इजाफा हो रहा है।
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मछली पालन खेत में तालाब बनवाकर शुरू किया
संतोष कुमार जो मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के रहने वाले हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का फायदा उठाकर अपने खेत में तालाब की खुदाई कराई है। यह तालाब जो 0.10 हेक्टेयर जमीन पर बना है। इसमें उन्होंने पंगेशियस मछली का पालन शुरू किया है। उनको पहले साल 2500 किलो मछली का उत्पादन हासिल हुआ। इससे उनको लगभग 2.50 लाख की आय हासिल हुई। जब उन्होंने अपनी सारी लागत को निकाल लिया। तभी उन्होंने लगभग 1.50 लाख रुपये मुनाफा हुआ। इसी क्रम में उनको दूसरे साल लगभग 4000 किलो मछली का उत्पादन हुआ। इससे उन्होंने 3 लाख रूपये से ज्यादा की आय हुई।
बढ़ा रहा मुनाफा हर साल
उन्होंने पिछले वर्ष करीब आठ हजार पंगेशियस मछली का बीज 2 शिफ्ट में डाला है। इनमें से 3500 किलो मछलियां निकाली जा चुकी हैं। उनके तालाब में अभी भी इतनी ही मछलियां बची हैं। वे उम्मीद कर रहे है। कि इस वर्ष उन्हें 7 टन मछली का उत्पादन होगा। जिससे उनकी आय 6 लाख रूपये से ज्यादा होगी।
पीएम मत्स्य संपदा योजना क्या है
किसानों की आय में वृद्धि करने के उद्देश्य से पीएम मत्स्य संपदा योजना की शुरुआत की गई थी। इस योजना को अब तक मछली पालन के क्षेत्र में चलाई जाने वाली जो योजनाएं है। उन योजना में सबसे बड़ी योजना माना जाता है। इस योजना के तहत किसानों को मछली पालन के लिए लोन दिया जाता है। इसके साथ ही किसानों को मुफ्त में प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।
मिलती है सब्सिडी
अगर आपको मछली पालन के लिए लोन लेना है, तो फिर इसके लिए आपको सबसे पहले आपको अपने क्षेत्र के मत्स्य पालन विभाग में संपर्क करना होगा। अगर आप अनुसूचित जाति से है और या आप महिला है और आप मछली पालन के बिजनेस के लिए लोन लेना चाहते है, तो फिर बिजनेस को शुरू करने के लिए आपको 60 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। वहीं, सभी को 40 प्रतिशत तक की सब्सिडी प्रदान की जाती है।