बच गए : सरकार ने टाल दिया Petrol-Diesel महंगा करने का फैसला, जानिए क्यों
नई दिल्ली, अक्टूबर 01। बढ़ती महंगाई के बीच केंद्र सरकार ने आम आदमी को महंगाई का एक झटका देने का फैसला टाल दिया है। इस समय महंगाई दर आरबीआई के कंफर्ट लेवल से अधिक हो गई है। इसीलिए केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर अतिरिक्त 2 रुपये प्रति लीटर उत्पाद शुल्क (एक्साइज ड्यूटी) लगाने के फैसला को एक महीने के लिए टाल दिया है। गौरतलब है कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अप्रैल 2022 से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष के लिए अपने बजट में उस पेट्रोल और डीजल पर 2 रुपये प्रति लीटर अतिरिक्त एक्साज ड्यूटी लगाने का प्रस्ताव रखा था, जो इथेनॉल या बायोडीजल के साथ मिश्रित नहीं है। यह शुल्क 1 अक्टूबर, 2022 से लागू होना था।
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अब कब से लगेगा ये शुल्क
वित्त मंत्रालय ने बीते शुक्रवार (30 सितंबर) की देर रात एक गजट अधिसूचना में घोषणा ऐलान किया है कि पेट्रोल पर अतिरिक्त एक्साइज टैक्स अब 1 नवंबर, 2022 से और डीजल पर अप्रैल 2023 से लगाया जाएगा। भारत की मुद्रास्फीति दर इस समय लगभग 9 महीनों से भारतीय रिजर्व बैंक के 6% के ऊपरी कंफर्ट लेवल से ऊपर बनी हुई है। इसी कारण केंद्रीय बैंक को आक्रामक रूप से ब्याज दरें बढ़ाने के लिए मजबूर होना पड़ा।
फिर बढ़ी ब्याज दर
शुक्रवार को भी अपनी ताजा मौद्रिक नीति बैठक में, आरबीआई ने बेंचमार्क रेपो दर में 50 आधार अंकों की वृद्धि की। ये लगातार चौथी बार किया इजाफा है। विश्लेषकों का अनुमान है कि अभी और भी बढ़ोतरी संभव है।
सरकार ने उठाए कदम
वहीं सरकार ने कीमतों में वृद्धि को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें ईंधन पर टैक्स कम करना और गेहूं और चावल सहित कई वस्तुओं के निर्यात को प्रतिबंधित करना शामिल है। आपको बता दें कि इस समय तेल आयात पर निर्भरता को कम करने और किसानों को अतिरिक्त इनकम का सोर्स प्रदान करने के लिहाज से गन्ने या अधिशेष खाद्यान्न (सरप्लस फूडग्रेन) से निकाले गए 10 प्रतिशत इथेनॉल को पेट्रोल में मिश्रित या मिश्रित किया जाता है। यानी 90 प्रतिशत पेट्रोल के साथ इथेनॉल का 10 प्रतिशत मिश्रित किया जाता है।
डीजल में मिश्रण फिलहाल एक्सपेरिमेंटल
हालांकि अखाद्य तिलहनों से निकाले गए बायो-डीजल का डीजल में केवल प्रायोगिक सम्मिश्रण किया जा रहा है, जो कि देश में सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला ईंधन है। यानी ये अभी केवल प्रयोग के तौर पर ही किया जा रहा है।
कितनी है अभी एक्साइज ड्यूटी
सीतारमण ने 1 फरवरी को लोकसभा में अपने बजट भाषण में कहा था कि ईंधन का मिश्रण सरकार की प्राथमिकता है। ईंधन के सम्मिश्रण के प्रयासों को प्रोत्साहित करने के लिए गैर-मिश्रित ईंधन पर अक्टूबर 2022 के पहले दिन से 2 रुपये प्रति लीटर का अतिरिक्त उत्पाद शुल्क लगाया जाएगा। इसे फिलहाल टाल दिया गया है। 1 नवंबर, 2022 से पेट्रोल पर 3.40 रुपये प्रति लीटर उत्पाद शुल्क लगेगा, जो वर्तमान में 1.40 रुपये प्रति लीटर है। वहीं ब्रांडेड पेट्रोल, जिसे इथेनॉल के साथ मिक्स नहीं किया गया होगा, उस पर वर्तमान में 2.60 रुपये के मुकाबले 4.60 रुपये प्रति लीटर उत्पाद शुल्क लगेगा।