सरकार का निर्देश : MSME का बकाया पैसा लौटाएं प्राइवेट कंपनियां
नयी दिल्ली। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) मंत्रालय ने देश में प्राइवेट कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे छोटे व्यवसायों यानी एमएसएमई का बकाया निपटाएं। सरकार ने इस काम को प्राथमिक्ता के साथ निपटाने के लिए कहा है। मंत्रालय ने सीधे देश के शीर्ष 500 कॉर्पोरेट समूहों के सामने इस मुद्दे को उठाया है। एमएसएमई मंत्रालय ने सोमवार को जारी किए गए एक बयान में ये बात कही है। इसके अलावा मंत्रालय सोशल मीडिया के माध्यम से अन्य कॉर्पोरेट्स के सामने भी इस मामले को उठाएगा। जब इस वर्ष जून में आत्मनिर्भर भारत पैकेज की घोषणा की गई थी तब ही सरकार ने 45 दिनों के भीतर एमएसएमई की बकाया राशि चुकाने के लिए कहा था। मगर अभी तक ये नहीं हो पाया है।
सरकारी कंपनियों के सामने भी उठाया मुद्दा
एमएसएमई मंत्रालय ने केंद्रीय मंत्रालयों, उनके विभागों और केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यमों (सीपीएसई) के साथ भी इस मामले को आक्रामक रूप से उठाया। इसके अलावा मंत्रालय ने मासिक बकाया की रिपोर्टिंग के लिए एक ऑनलाइन सिस्टम भी तैयार किया है। मंत्रालय ने कहा कि मंत्रालयों और सीपीएसई द्वारा करीब 10000 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। मंत्रालय ने राज्यों के साथ भी इस मुद्दे को उठाया है और उन्हें निगरानी करने और यह देखने के लिए प्रेरित किया है कि ऐसी पेमेंट जल्दी किए जाएं। सरकार अब देश में कॉर्पोरेट्स के सामने इस मामले को उठा रही है।
क्यों है जरूरी ये पेमेंट
एमएसएमई के संचालन, नौकरियों और बाकी आर्थिक गतिविधियों के लिए इन पेमेंट्स का समय पर किया जाना बेहद जरूरी है। पिछले महीने के अंत तक सरकारी विभागों और सरकारी कंपनियों ने 75 फीसदी बकाया पैसा एमएसएमई को चुका दिया था। एमएसएमई मंत्रालय के सचिव एके शर्मा ने कहा था कि सरकार और केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सरकारी कंपनियों) के पास रुका हुआ छोटे व्यवसायों के लिए पूंजी संकट का सबसे बड़ा कारण रहा है।
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