सुकन्या समृद्धि योजना में सरकार ने किए बदलाव, जानना है जरूरी
नयी दिल्ली। सरकार की कुछ खास योजनाओं में से एक है सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसवाई)। मगर सरकार ने हाल ही में इसमें कुछ बदलाव किये हैं। इसके अलावा सरकार ने एसएसवाई के कुछ नियमों पर स्पष्टीकरण भी दिया है। हालांकि एसएसवाई में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया है। मगर कुछ छोटे बदलावों को लेकर सरकार ने अधिसूचना जारी की है। आइये जानते हैं उन नियमों के बारे में।
मिलेगा अधिक ब्याज
नये नियमों के मुताबिक एसएसवाई योजना में अगर खाताधारक किसी वित्तीय वर्ष में न्यूनतम राशि 250 रुपये भी जमा न करे, तो इसे डिफ़ॉल्ट खाते की श्रेणी में डाल दिया जाता है। फिर भी खाते की मैच्योरिटी तिथि तक अगर खाते को चालू न करवाया जाए तो इस तरह के डिफ़ॉल्ट खाते पर योजना के लिए लागू ब्याज दर दी जाएगी। पुराने नियमों के मुताबिक ऐसे डिफॉल्ट खाते पर सिर्फ पोस्ट ऑफिस की बचत योजना की दर से ब्याज दिया जाता था। मगर नये नियम से खाताधारकों को अधिक फायदा मिलेगा। डाकघर बचत बैंक ब्याज दर आमतौर पर सुकन्या समृद्धि योजना की ब्याज दर से बहुत कम होती है। वर्तमान में डाकघर की ब्याज दर 4 प्रतिशत है जबकि एसएसवाई योजना की ब्याज दर 8.7 प्रतिशत है।
समय से पहले खाता बंद करना
नए नियमों के अनुसार एसएसवाई खाते की समय से पहले बंद करने की अनुमति बालिका की मृत्यु या दया के आधार पर दी जाएगी। यहां दया वाले पहलू के उदारहणों में खाताधारक के जीवन को खतरे की स्थिति में इलाज या अभिभावक की मृत्यु शामिल है। तुलनात्मक रूप से पुराने नियमों के अनुसार बालिका की मृत्यु के मामले में या बालिका का निवास बदलने मामले में एसएसवाई खाता बंद करने की अनुमति थी। ऐसे मामले में बालिका के खाते में जमा राशि पर पोस्ट ऑफिस बचत बैंक की ब्याज दर तब तक मिलती रहेगी, जब तक खाते से पैसा न निकाला जाए।
बालिका के 18 साल की आयु
नये नियमों के अनुसार 18 वर्ष की आयु होने तक बालिका को एसएसवाई खाता संभालने की अनुमति नहीं होगी। पहले ये आयु सीमा 10 साल थी। एक बार बालिका / खाताधारक के 18 वर्ष की आयु तक पहुँचने के बाद आवश्यक दस्तावेज जमा करके खाते का संचालन करने की अनुमति मिल जाएगी। बालिका को डाकघर / बैंक में जरूरी दस्तावेज जमा करने होंगे।
कैसे खुलेगा एसएसवाई योजना के तहत खाता
बता दें कि दो से अधिक बालिकाओं के मामले में एसएसवाई खाता खोलने के लिए आवश्यक अतिरिक्त दस्तावेज में भी बदलाव किए गए हैं। यदि एक अभिभावक या माता-पिता दो से अधिक बालिकाओं के लिए एसएसवाई खाता खोलना चाहते हैं, तो नए अधिसूचित नियमों के अनुसार, एक व्यक्ति को जन्म प्रमाण पत्र के साथ एक एफिडेविट पेश करना जरूरी है। इससे पहले माता-पिता / अभिभावक को एक चिकित्सा प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होता था।
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