अच्छी खबर : जुलाई में बेरोजगारी दर रही 4 महीनों में सबसे कम, चेक करें आंकड़े
नई दिल्ली, अगस्त 2। जुलाई में भारत की बेरोजगारी दर चार महीनों में सबसे निचले स्तर तक गिर गई। ये अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेतों में से है। अर्थव्यवस्था में सुधार के अन्य संकेतों में सेल्स टैक्स कलेक्शन में बढ़ोतरी और कुछ वस्तुओं की मांग का वापस पटरी पर लौटना शामिल है। निजी प्राइवेट फर्म सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) प्राइवेट लिमिटेड के ताजा आंकड़ों के अनुसार पिछले महीने बेरोजगारी दर घट कर 6.95 फीसदी रह गई, जो जून में 9.17 फीसदी रही थी।
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ग्रामीण इलाकों में तेजी से घटी बेरोजगारी
डेटा के अनुसार ग्रामीण बेरोजगारी दर पिछले महीने 6.3 फीसदी तक गिर गई, मगर शहरी बेरोजगारी 8 फीसदी से ऊपर रही। सीएमआईई के आंकड़ों को पर सरकारी आंकड़ों के अभाव में व्यापक रूप से स्वीकार किया जाता है। नौकरियों के आंकड़ों का पटरी पर लौट आना अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक है, जहां निजी खपत सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का लगभग 60% है और पिछले वित्तीय वर्ष में आई भारी गिरावट से उबर रहा है।
आईएमएफ का जीडीपी के लिए अनुमान
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के अनुसार 1 अप्रैल से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष में भारत की जीडीपी विकास दर 9.5% रह सकती है। इतनी ही तेजी का अनुमान आऱबीआई ने भी लगाया है। आरबीआई ने ग्रोथ को सपोर्ट करने के लिए एक वर्ष से अधिक समय से उधार दरों को निचले स्तर पर रखा है। कल आए जीएसटी कलेक्शन के आंकड़े भी इकोनॉमी के लिए अच्छा संकेत हैं।
कितना रहा जीएसटी कलेक्शन
जून में 1 लाख करोड़ रुपये से नीचे रहने के बाद जुलाई महीने में जीएसटी कलेक्शन एक बार फिर से 1 लाख करोड़ रु से अधिक रहा। जुलाई में जीएसटी कलेक्शन 1,16,393 करोड़ रुपये रहा। जुलाई 2020 के मुकाबले जुलाई 2021 में जीएसटी कलेक्शन में 33 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जब अधिकतर आर्थिक गतिविधियां कोविड की पहली लहर से प्रभावित हुई थीं। बढ़े हुए रेवेन्यू कलेक्शन से पहली तिमाही में राजकोषीय घाटे को नियंत्रित करने में भी मदद मिली है, जो आठ साल के निचले स्तर पर आ गया है।