दिवाली से पहले खुशखबरी : Post Office की छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें बढ़ीं, चेक करें नयी दरें
नई दिल्ली, सितंबर 29। यदि आप पोस्ट ऑफिस की छोटी बचत योजनाओं में निवेश करना पसंद करते हैं या इनमें से किसी स्कीम में निवेश करने की सोच रहे हैं तो आपके बहुत अच्छी खबर है। दरअसल 10 तिमाहियों बाद आखिरकार पोस्ट ऑफिस की छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में इजाफा कर दिया गया है। केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) के लिए छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर में इजाफा किया है।
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1 अक्टूबर से लागू होंगी नयी दरें
सरकार ने 1 अक्टूबर से शुरू होने जा रही तिमाही के लिए किसान विकास पत्र, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना और दो और तीन साल की सावधि जमा सहित पांच छोटी बचत योजनाओं पर देय ब्याज दरों में इजाफा किया है। ये इजाफा 0.1 फीसदी से 0.3 फीसदी तक है। हालांकि कुछ योजनाओं की ब्याज दरों में इजाफा नहीं किया गया है, जिनमें पीपीएफ शामिल है।
तीन साल की टाइम डिपॉजिट
बढ़ोतरी के बाद पोस्ट ऑफिस की तीन साल की सावधि जमा या टाइम डिपॉजिट (टीजी) पर ब्याज दर मौजूदा 5.5 प्रतिशत से 5.8 प्रतिशत हो जाएगी। यानी इसकी दरों में 30 आधार अंकों (0.30 फीसदी) की वृद्धि की गयी है। पोस्ट ऑफिस की दो साल की टीडी पर 5.5 फीसदी की जगह अब 5.7 फीसदी ब्याज दिया जाएगा। वित्त मंत्रालय की तरफ से एक अधिसूचना जारी की गयी है, जिसमें कहा गया है कि वरिष्ठ नागरिक बचत योजना की ब्याज दर अक्टूबर-दिसंबर की अवधि के लिए मौजूदा 7.4 प्रतिशत बढ़ा कर 7.6 प्रतिशत कर दी गयी है। यानी इस योजना की दर में 20 आधार अंक का इजाफा हुआ है।
किसान विकास पत्र
किसान क्रेडिट कार्ड के मामले में, सरकार ने इसकी मैच्योरिटी अवधि और ब्याज दरों दोनों में संशोधन किया है। किसान विकास पत्र की ब्याज दर को 6.9 फीसदी से 0.10 फीसदी बढ़ा कर 7 फीसदी कर दिया गया है। अब इसकी मैच्योरिटी अवधि भी 124 महीनों के बजाय के 123 महीनों में होगी।
मंथली इनकम स्कीम
अंतिम जो स्कीम जिस पर ब्याज दर बढ़ी है वो है मंथली इनकम स्कीम। इस पर 6.6 फीसदी की जगह अब 6.7 फीसदी ब्याज दिया जाएगा। ध्यान रहे कि पीपीएफ पर 7.1 फीसदी, सुकन्या समृद्धि खाता योजना पर 7.6 फीसदी, राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र पर 6.8 फीसदी, 5 साल की आरडी पर 5.8 फीसदी और 5 साल की टीडी पर 6.7 फीसदी ब्याज दर ही रहेगी। वहीं बचत जमा और एक साल की सावधि जमा पर ब्याज दर भी क्रमश: 4 फीसदी और 5.5 फीसदी बरकरार रहेगी।
आरबीआई की तरफ से दरें बढ़ाने का असर
रिजर्व बैंक ने मई से बेंचमार्क रेपो रेट में 140 आधार अंकों की वृद्धि की है। इससे बैंकों ने भी एफडी और अन्य डिपॉजिट पर ब्याज दरें बढ़ाईं। इसी से अंदाजा लगाया जा रहा था कि सरकार भी छोटी बचत योजनाओं की दरें बढ़ा सकती है। वित्त मंत्रालय की रिलीज के अनुसार, केंद्र सरकार पिछले तीन महीनों की जी-सेक (सरकारी सिक्योरिटीज) यील्ड के आधार पर हर तिमाही में छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दर की समीक्षा करती है। पिछली बार 10 तिमाही पहले सरकार ने ये दरें घटाई थीं।