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मोदी सरकार की बल्ले-बल्ले : वसूलेगी 95 हजार करोड़ रु, कच्चे तेल से बरसेगा पैसा

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नई दिल्ली, जुलाई 6। कच्चे तेल के रेट बढ़ने से सरकार को भी दिक्कत होती है। मगर यही कच्चा तेल इस बार पर रुपयों की बारिश करने जा रहा है। मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने कहा कि घरेलू कच्चे तेल उत्पादन और ईंधन निर्यात पर अप्रत्याशित कर (विंडफॉल टैक्स) चालू वित्त वर्ष की शेष अवधि में मोदी सरकार को करीब 12 अरब डॉलर (94,800 करोड़ रुपये) की इनकम कराएगी। मगर सरकार की इस इनकम के पीछे रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और ओएनजीसी जैसी कंपनियों के मुनाफे में कटौती होगी। आगे जानते हैं कि सरकार को कच्चे तेल पर कैसे-कैसे कमाई होगी।

 

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1 जुलाई से लग गया टैक्स

1 जुलाई से लग गया टैक्स

1 जुलाई को सरकार ने पेट्रोल, डीजल और विमानन टरबाइन ईंधन (एटीएफ) के निर्यात और कच्चे तेल के घरेलू उत्पादन पर अप्रत्याशित लाभ कर (विंडफॉल गैन टैक्स) लगाया है। इसने निर्यातकों को पहले घरेलू बाजार की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भी अनिवार्य किया है। मूडीज ने इन नए टैक्स पर कहा कि टैक्स वृद्धि से भारतीय कच्चे उत्पादकों और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) और ओएनजीसी जैसे तेल निर्यातकों के मुनाफे में कमी आएगी।

कितना लगेगा टैक्स
 

कितना लगेगा टैक्स

सरकार की घोषणा के बाद भारतीय तेल कंपनियों को पेट्रोल और एटीएफ के निर्यात पर 6 रुपये प्रति लीटर (लगभग 12.2 डॉलर प्रति बैरल) और डीजल के निर्यात पर 13 रुपये प्रति लीटर (लगभग 26.3 डॉलर प्रति बैरल) का भुगतान करना होगा। वहीं अपस्ट्रीम उत्पादकों को भारत में उत्पादित कच्चे तेल पर 23,250 रुपये प्रति टन (करीब 38.2 डॉलर प्रति बैरल) का टैक्स देना पड़ेगा।

क्यों है 95000 करोड़ रु का अनुमान

क्यों है 95000 करोड़ रु का अनुमान

मूडीज ने कहा है कि 31 मार्च, 2022 (वित्तीय 2021) को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में भारत में कच्चे तेल के उत्पादन और पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात के आधार पर, अनुमान यह है कि सरकार बाकी वित्तीय वर्ष (यानी 9 महीनों की अवधि में) के लिए लगभग 12 अरब डॉलर अतिरिक्त राजस्व जनरेट करेगी।

सरकार को ऐसे होगा फायदा

सरकार को ऐसे होगा फायदा

मई 2022 में सरकार ने पेट्रोल पर 8 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 6 रुपये प्रति लीटर के उत्पाद शुल्क में कटौती की घोषणा की थी। मगर इससे सरकार को अपने राजस्व में 1 लाख करोड़ रुपये की कमी होने का अनुमान है। सरकार को अतिरिक्त राजस्व से बढ़ती महंगाई पर काबू पाने के लिए मई के अंत में घोषित पेट्रोल और डीजल के लिए उत्पाद शुल्क में कमी के नकारात्मक प्रभाव को दूर करने में मदद मिलेगी।

सरकार के लिए होगी बड़ी राहत

सरकार के लिए होगी बड़ी राहत

महत्वपूर्ण एडिश्नल टैक्स सरकार पर राजकोषीय दबाव की भरपाई करेगा। मूडीज ने उम्मीद जताई है कि यह सरकारी उपाय अस्थायी होगा और टैक्स को अंततः बाजार की स्थितियों के अनुसार एडजस्ट किया जाएगा, जिसमें मुद्रास्फीति, बाहरी संतुलन और मुद्रा मूल्यह्रास से संबंधित विचार शामिल हैं। मूडीज के अनुसार उच्च राजस्व भी इसके विचार को सपोर्ट करता है। वो ऐसे कि मौजूदा मुद्रास्फीति के माहौल से जुड़े जोखिमों के बावजूद, धीरे-धीरे फिस्कल कंसोलिडेशन ट्रेंड जारी रहेगी, जैसे कि उच्च सब्सिडी खर्च। सरकारी टैक्स में वृद्धि रिलायंस की निर्यात इनकम में वृद्धि को सीमित कर देगी, लेकिन इसकी मजबूत क्रेडिट क्वालिटी और एक्सीलेंट लिक्विडिटी को प्रभावित नहीं करेगी। रिलायंस भारत की पेट्रोलियम उत्पादों की सबसे बड़ी निर्यातक है।

English summary

good news for Modi govt will recover rs 95000 crores money will rain from crude oil

The exporters have also been mandated to meet the requirements of the domestic market first. On these new taxes, Moody's said that the tax hike will reduce the profits of Indian crude producers and oil exporters like Reliance Industries Limited (RIL) and ONGC.
Story first published: Wednesday, July 6, 2022, 19:06 [IST]
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