Economy के लिए अच्छी खबर, अगले वित्त वर्ष में 11 फीसदी बढ़ सकती है GDP
नयी दिल्ली। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के अनुसार भारतीय सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के वित्त वर्ष 2021-22 में 11 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है। यह अगले वित्त वर्ष के लिए सरकारी अनुमान के करीब है। सरकार की तरफ से आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 में जीडीपी ग्रोथ के लिए अनुमान जारी किया गया था। इससे पहले वित्त वर्ष 2020-21 के लिए क्रिसिल का अनुमान था कि भारतीय जीडीपी में 8 फीसदी की गिरावट आ सकती है। अब एजेंसी ने 2021-22 के लिए 11 फीसदी बढ़त का अनुमान लगाया है।
इन चीजों से मिलेगा जीडीपी को सहारा
क्रिसिल का अनुमान है कि जीडीपी को 4 चीजों से सपोर्ट मिलेगा। इनमें लोगों का कोरोना काल में नये जीवन-यापन के तरीके को सीखना, कोरोना के मामलों में कमी, वैक्सीनेशन की शुरुआत और निवेश पर केंद्रित सरकारी खर्च शामिल हैं। क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री डीके जोशी के मुताबिक कोविड-19 महामारी अभी भी एक संभावित जोखिम बनी हुई है, लेकिन वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी छमाही में जीडीपी में अधिक तेज ग्रोथ रहने की उम्मीद है।
कोरोना से पहले के स्तरों पर पहुंचेगी ग्रोथ
जोशी के अनुसार अगले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही तक अर्थव्यवस्था के कोरोना महामारी से पहले के स्तर को छूने की संभावना है। वित्त वर्ष 2021-22 के अंत तक जीडीपी वित्त वर्ष 2020 के स्तर से केवल 2 प्रतिशत अधिक होगी, जबकि ये कोरोना से पहले के स्तर से 10 प्रतिशत कम होगी। क्रिसिल को उम्मीद है कि जीडीपी ग्रोथ वित्त वर्ष 2022-23 और वित्त वर्ष 2024-25 के बीच औसतन 6.3 प्रतिशत रहेगी, जो महामारी से पहले के दशक में दर्ज की गई 6.7 प्रतिशत औसत वृद्धि से कम होगी।
ग्रोथ के बावजूद जीडीपी को नुकसान
ग्रोथ के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था की जीडीपी को 11 प्रतिशत का स्थायी नुकसान होगा। घरेलू मांग और व्यापार की गतिशीलता छोटे व्यवसायों के लिए प्रतिकूल बनी हुई है। जोशी का मानना है कि इनके लिए और शहरी गरीबों के लिए नीतिगत समर्थन जारी रहना चाहिए, जिन्होंने महामारी का सबसे अधिक खामियाजा उठाया है।
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