अच्छी खबर : फैक्ट्री गतिविधियों में लगातार सातवें महीने हुई बढ़ोतरी
नयी दिल्ली। फरवरी में लगातार सातवें महीने भारत की फैक्ट्री गतिविधियों में बढ़ोतरी देखने को मिली। मजबूत मांग और उत्पादन में बढ़ोतरी से फैक्ट्री गतिविधियों को काफी सहारा मिला। हालांकि फरवरी में इनपुट लागत में भी बढ़ोतरी हुई। पिछले महीने इनपुट कॉस्ट इंफ्लेशन 32 महीनों के उच्च स्तर पर पहुंच गया। आईएचएस मार्किट इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) जनवरी में 57.7 की तुलना में फरवरी में 57.5 पर रहा। मगर ये अपनी लंबी अवधि के औसत 53.6 से काफी ऊपर रहा। बता दें कि पीएमआई का 50 से अधिक होना बढ़ो़तरी का संकेत है, जबकि इससे कम गिरावट मानी जाती है।
फरवरी में बढ़े ऑर्डर
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार एक प्राइवेट सर्वे के मुताबिक बेहतर मांग कंडीशन और सफल मार्केटिंग अभियान से फरवरी में नये ऑर्डरों में बढ़ोतरी हुई। आईएचएस मार्किट की रिपोर्ट में कहा गया है जनवरी से हल्की गिरावट के बावजूद पिछले आंकड़ों को देखते हुए ग्रोथ की गति तेज रही। इस बीच भारत की अर्थव्यवस्था अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में साल-दर-साल आधार पर 0.4 फीसदी बढ़ी, जिससे महामारी के कारण आई तकनीकी मंदी का अंत हुआ। तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में मैन्युफैक्चरिंग मे 1.6 फीसदी ग्रोथ रही।
इस वजह से बढ़ी इनपुट लागत
केमिकल, मेटल्स, प्लास्टिक और टेक्सटाइल्स जैसी कई वस्तुओं की उच्च कीमतों ने लागत मुद्रास्फीति (कॉस्ट इंफ्लेशन) की रेट को 32 महीने के उच्च स्तर पर पहुंचा दिया। यदि फर्म्स के पास अपना वर्कलोड को संभालने के लिए उपयुक्त रिसॉर्सेज होते तो प्रोडक्शन ग्रोथ और भी बेहतर हो सकती थी। हालांकि निर्यात में वृद्धि हुई, जबकि महामारी ने भारतीय वस्तुओं की अंतर्राष्ट्रीय मांग को सीमित कर दिया।
मजबूत है इनपुट इंवेंट्रीज
सर्वे रिपोर्ट के अनुसार फरवरी के आंकड़े सर्वे के इतिहास में इनपुट इंवेंट्रीज में सबसे मजबूत वृद्धि की ओर इशारा करते हैं। सामानों के उत्पादकों को उम्मीद है कि आने वाले 12 महीनों में आर्थिक स्थिति में सुधार और टीकाकरण कार्यक्रम के विस्तार के चलते प्रतिबंधों के कम होने से उत्पादन में वृद्धि होगी।
Mudra Yojana : लोन न मिले तो यहां करें शिकायत, जानिए राज्यों के नंबर