देश के इस राज्य में Gold का भंडार, एक जिले में ही है 37.6 टन सोना
नई दिल्ली, दिसंबर 4। बिहार के माओवादी प्रभावित जमुई जिले के सोनो ब्लॉक के अंतर्गत करमटिया गांव केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी के लोकसभा में बयान के बाद सुर्खियों में आ गया है। उन्होंने दावा किया गया है कि यहां भारत का सबसे बड़ा सोने का भंडार है। बुधवार को केंद्रीय मंत्री ने भाजपा के बिहार प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल, सांसद द्वारा उठाए गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में खुलासा किया कि अकेले जमुई जिले में 37.6 टन खनिज युक्त अयस्क सहित लगभग 222.885 मिलियन टन सोना धातु उपलब्ध है।
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बिहार में भारी मात्रा में है सोना
न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट देश में कुल प्राइमरी गोल्ड अयस्क भंडार 501.83 टन है, जिसमें से 654.74 टन सोना है। इसमें से 44 फीसदी सोना केवल बिहार में पाया गया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अप्रैल 2015 तक के सरकारी आंकड़ों पर नजर डालें तो तब देश में 501.83 मिलियन सोने का अनुमान था। करीब 223 मिलियन टन सोना धातु बिहार में जमुई के सोनो क्षेत्र में ही है।
सोने के भंडार के लिए खनन कार्य
सरकार को सोने के भंडार के बारे में पहले से पता था। बल्कि करीब 15 साल पहले बिहार में स्वर्ण भंडार के लिए खनन कार्य किया गया था। वहां सोना अयस्क को ढूंढा गया पर उसकी औसत सांद्रता काफी कम थी। तब ऐसा लगा था कि ये काफी खर्चीला काम होगा। मगर अब बेहतर तकनीक के चलते खनन का काम सस्ता हो सकता है और सरकार को फायदो हो सकता है।
सोने का देश का सबसे बड़ा भंडार
केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी के यह खुलासा इलाके के लोगों के लिए खुशी का सबब बन सकता है। संभावना है कि बहुत जल्द सोने के खनन का काम शुरू हो सकता है। चुरहेट पंचायत के अंतर्गत करमटिया गांव एक हजार एकड़ भूमि में फैला हुआ है, जिसमें सोने के भंडार होने की प्रबल संभावना है।
हीरे का भंडार
इससे पहले अप्रैल में खबर आई थी कि मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में देश का सबसे बड़ा हीरा भंडार मिला। वहां पिछले 20 सालों से हीरे की खोज की जा रही थी। 20 साल की खोज के बाद मध्य प्रदेश में छतरपुर जिले के बकस्वाहा के जंगलों में सबसे बड़ा हीरा भंडार मिला था। मध्य प्रदेश के जिन जंगलों में हीरों का भंडार मिला था, वहां के लिए अनुमान था कि वहां लगभग 3.42 करोड़ कैरेट के हीरे हो सकते हैं।
पन्ना में हीरे
पन्ना में कुल 22 लाख कैरेट के हीरे मौजूद थे, जिनमें से 13 लाख कैरेट के हीरे निकाले जा चुके हैं। अप्रैल की रिपोर्ट के अनुसार वहां 9 लाख कैरेट के हीरे बाकी हैं। इसकी तुलना में बकस्वाहा में पन्ना से 15 गुना ज्यादा हीरे होने संभावना जताई गई थी। मगर जंगल में मौजूद पेड़ इस काम में रुकावट हैं। इनमें सागौन केम, पीपल, तेंदू, जामुन, बहेड़ा और अर्जुन जैसे पेड़ शामिल हैं। करीब 20 साल पहले बंदर डायमंड प्रोजेक्ट के तहत मध्य प्रदेश के इन जंगलों का सर्वे हुआ था। 2000 से 2005 के बीच बुंदेलखंड क्षेत्र में हीरों की खोज के लिए राज्य सरकार ने आस्ट्रेलियाई कंपनी रियोटिंटो से सर्वे कराया था। सर्वे करने वाली टीम को तब यहां किंबरलाइट पत्थर की चट्टान मिली थी। असल में हीरा किंबरलाइट की चट्टानों में भी पाया जाता है। अब इस प्रोजेक्ट पर आगे काम किया जाएगा।