Gold Mutual Fund : तोड़ दिए मुनाफा कराने के रिकार्ड, जानें आगे क्या
नयी दिल्ली। गोल्ड ने एक नया रिकॉर्ड बना दिया है। आज 22 जुलाई को गोल्ड का दाम पहली बार फ्यूचर मार्केट में 50000 रु को पार कर गया। अंतर्राष्ट्रीय कीमतों में तेजी के बाद मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में सोने की कीमत 192 रुपये बढ़कर 50,214 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई। वैसे इस साल में गोल्ड ने दमदार प्रदर्शन किया है। कोरोना संकट आने के बाद भी गोल्ड के दाम ऊपर की तरफ ही चढ़े हैं। दरअसल कोरोना जैसे किसी संकट के समय निवेशक भी शेयर बाजार की बजाय गोल्ड का रुख करते हैं। शेयर बाजार के मुकाबले गोल्ड अधिक सुरक्षित माना जाता है। यही वजह है कि इस साल में सोने की चमक काफी बढ़ी है। जहां तक रिटर्न का सवाल है तो गोल्ड ने निवेशकों की तगड़ी कमाई कराई है। इसके अलावा गोल्ड म्यूचुअल फंड ने भी निवेशकों को खूब मालामाल किया है। आइए जानते हैं गोल्ड म्यूचुअल फंड का रिटर्न और आगे इसमें क्या हो सकता है।
शानदार रहा है एक गोल्ड म्यूचुअल फंड का रिटर्न :
- एसबीआई गोल्ड म्यूचुअल फंड : 39.62 फीसदी
- एक्सिस गोल्ड म्यूचुअल फंड : 39.33 फीसदी
- कोटक गोल्ड म्यूचुअल फंड : 38.92 फीसदी
- निप्पॉन इंडिया गोल्ड म्यूचुअल फंड : 38.41 फीसदी
- इंवेसको इंडिया गोल्ड म्यूचुअल फंड : 38.37 फीसदी
- एचडीएफसी गोल्ड म्यूचुअल फंड : 38.25 फीसदी
- आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल रेगुलर गोल्ड म्यूचुअल फंड : 38.24 फीसदी
- क्वांटम गोल्ड म्यूचुअल फंड : 37.75 फीसदी
- एबीएसएल गोल्ड म्यूचुअल फंड : 37.41 फीसदी
- आईडीबीआई गोल्ड म्यूचुअल फंड : 35.76 फीसदी
गोल्ड ईटीएफ के रिटर्न :
- यूटीआई गोल्ड ईटीएफ : 1 साल का रिटर्न 38.89 फीसदी, 3 साल का रिटर्न 19.61 फीसदी और 5 साल का रिटर्न 12.34 फीसदी
- एचडीएफसी गोल्ड फंड : 1 साल का रिटर्न 40.86 फीसदी, 3 साल का रिटर्न 19.24 फीसदी और 5 साल का रिटर्न 12.07 फीसदी रिटर्न
- कोटक गोल्ड फंड रेगुलर प्लान : 1 साल का रिटर्न 42.51 फीसदी, 3 साल का रिटर्न 19.68 फीसदी और 5 साल का रिटर्न 12.58 फीसदी रिटर्न
- निप्पॉन इंडियन ईटीएफ गोल्ड बीईईएस : 1 साल का रिटर्न 39.17 फीसदी, 3 साल का रिटर्न 19.43 फीसदी और 5 साल का रिटर्न 12.24 फीसदी रिटर्न
पिछले साल कैसा रहा था रिटर्न
ऊपर 1 साल का पिछले पिछले पूरे करीब 1 साल का है। सिर्फ 2019 की बात करें तो गोल्ड ने निवेशकों को 25 फीसदी रिटर्न दिया, जबकि इस साल शुरुआती 6 महीनों में ही इसने निवेशकों की 23 फीसदी पूंजी बढ़ा दी। आपको बता दें कि भारत में सोने की कीमतें वैश्विक दरों और रुपये-अमेरिकी डॉलर विनिमय दर से प्रभावित होती हैं। इस साल सोने की वैश्विक कीमतों में लगभग 15% की तेजी आई है, जिसका कारण आर्थिक मंदी की चिंता के बीच सुरक्षित निवेश ऑप्शन के लिए सोने में पैसा लगाना है। इसके अलावा सरकारी और केंद्रीय बैंकों की तरफ से किए गए उपायों की से मुद्रास्फीति की चिंता भी बढ़ी है।
क्या कहते हैं जानकार
कैपिटल मार्केट से जुड़े एक्सपर्ट बताते हैं कि निवेशकों को गोल्ड में पैसा जरूर लगाना चाहिए। एक अनुमान के अनुसार कुछ महीनों में गोल्ड के दाम 55000 रु तक जा सकते हैं। असल में निवेश पोर्टफोलियो को बैलेंस बनाने के लिए भी गोल्ड में निवेश की सलाह दी जाती है। गोल्ड से निवेश का जोखिम कम होता है। एक्सपर्ट कहते हैं कि गोल्ड एक सुरक्षित एसेट है और हर पोर्टफोलियो का हिस्सा होना चाहिए। सबसे बेस्ट ऑप्शन है अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाना। यानी सोना, एफडी और इक्विटी म्यूचुअल फंड में भी निवेश करें। जहां तक रिटर्न का सवाल है तो गोल्ड ने कई मौकों पर इक्विटी बाजार को पछाड़ा है। 1 और 3 साल में गोल्ड और लार्ज कैप इक्विटी म्यूचुअल फंड्स के बीच रिटर्न के अंतर को देखें तो आपको पता चलता है कि गोल्ड में निवेश करना ज्यादा बेहतर रहा है।
Gold या Mutual Fund : कहां मिलेगा ज्यादा मुनाफा, जानिए यहां